स्तब्ध हूँ….आहत हूँ
मैं ऑनलाइन शॉपिंग नहीं करती, इसीलिए मुझे अमेज़न, या फ्लिपकार्ट, या ई-बे आदि साइट्स पर बिकने वाले प्रोडक्ट्स की जानकारी नहीं. इसीलिए जब अमेज़न पर बिक्री के लिए आये इस ऐशट्रे की जानकारी कुछ मित्रों की पोस्ट से, और फिर बाद में bbc से मिली तो दंग रह गयी. इस ऐशट्रे में ट्रे की रिम पर एक स्त्री की आकृति है, जिसने अपनी टांगें फैला रखी है, कुछ इस तरह कि ठीक टांगों के बीच की जगह पर ही राख झाड़ी जा सके, सिगरेट बुझाई जा सके. पता चला कि ई-बे पर भी ऐसी ही ऐशट्रे बिक रही है. बाद में यह भी पता चला कि दुकानों पर भी ऐसी ऐशट्रे मिलती हैं. जब मिलती है तो लोग खरीदते भी होंगे, और जब इतनी महंगी है तो खरीदने वाले ड्राइंग रूम में, सबको दिख सके ऐसी जगह रखते होंगे.
औरत की देह का बड़ा बाजार है, बल्कि बाजार में अधिकतर चीजें औरत की देह ही बेचती है, मेंस अंडरवियर और प्रसाधन, शेविंग क्रीम, आफ्टर शेव भी. कलात्मकता नग्नता में ही बची है, वो भी औरत की नग्नता. और इस सब की हमे ऐसी आदत पड़ गयी है कि जब अपने घर की लड़कियां ‘तंदूरी मुर्गी’ पर भरपूर एक्सप्रेशंस के साथ नाचती हैं तब अखरता भी नहीं है. गंदगी में रहते रहते आदमी गंदगी का आदी हो जाता है.
ऐसा नहीं है कि इस ऐशट्रे से पहले औरत का बड़ा सम्मान था और इसी से सम्मान घट गया है, या इस ऐशट्रे के साइट से हट जाने के बाद सम्मान बहाल हो जाएगा. पुरुष तो यह सोचता ही है कि औरत की योनि उसकी मिल्कियत है, जहां वो अपनी मर्ज़ी से खेल सकता है, मर्ज़ी न चले तो जिसे रौंद सकता है, जिसमें पत्थर भर सकता है, अब सिगरेट भी बुझा सकता है. क्या मज़ा! लेकिन अमेज़न या ई-बे जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियां अगर इसी मानसिकता को पोषित और स्थापित करने वाले प्रोडक्ट बेचे तो यह निश्चय ही दुर्भाग्यपूर्ण है. हम अगर सभ्य होने का दावा करते हैं, या सभ्यता की ओर बढ़ रहे हैं, तो स्त्री की गरिमा के सीधे खिलाफ इस प्रोडक्ट का विरोध होना ही चाहिए. क्योंकि हर छोटी से छोटी गलत बात का विरोध करते रहना ही एकमात्र हल है.
राहत की बात है कि अमेज़न ने औरतों के कड़े प्रतिरोध के बाद यह प्रोडक्ट वापस ले लिया है. उन सभी को बधाई जिन्होंने इसके खिलाफ आवाज़ उठाई, शिकायत दर्ज की. गरिमा की यह लड़ाई बहुत लंबी है, इसे ऐसे ही मिलजुल कर लड़ते रहना है.