कांग्रेस-राजद गठबंधन ने आगामी बिहार चुनाव को देखते हुए, बड़ी ही सूझ-बूझ से अपनी राजनैतिक दूरदर्शिता का परिचय दिया हैं ओर इस चुनाव को हल्के में लेकर भाजपा को हराने में मदद की हैं. आज जो सभी दलों का प्रतिशत दर्शाया जा रहा हैं, उसमे कांग्रेस 9 प्रतिशत पर ही दिख रही है.

दिल्ली के 8 फरवरी-2020 के चुनाव के बाद, देश के तमाम टी.वी. चैनल अपने-अपने सर्वे के अनुसार उसी शाम से ’आम आदमी पार्टी’ की सरकार दिल्ली में बनने की बात कह रही है. और ये सत्य भी है कि दिल्ली में सरकार, केजरीवाल की ही बनेगी, लेकिन भाजपा को ये हजम नहीं हो रहा, अब वे सभी एग्जिट-पोल को सिरे से खारिज कर रहे हैं और इस मुगालते में अपने दो दिन का समय अपने इन हसींन मुंगेरी लाल के सपनों सहित काट रहें हैं कि जीत उनकी ही होगी…!!

पिछले चुनावों पर नजर डालें तो भाजपा चुनावों में लगातार सातवें प्रदेश को हार रही हैं - (1) राजस्थान (2) मध्य प्रदेश (3) छत्तीसगढ़ (4) महाराष्ट्र (5) हरियाणा (6) झारखण्ड और अब (7) दिल्ली. तकनीकि रूप से देखें तो हरियाणा भाजपा हारी ही हैं. भाजपा को अब समझ लेना चाहिए कि राष्ट्रीय मुद्दों पर किसी भी प्रदेश के चुनाव नहीं जीते जा सकते, प्रदेश में प्रदेश कि जनता से जुड़ी बुनयादी जरूरतों पर ही चुनाव लड़ा या जीता सकता हैं. इन बुनयादी जरूरतों पर तो भाजपा देश के सभी प्रदेशों में बुरी तरह पिछड़ी हुई हैं.

दिल्ली चुनाव के परिणाम आने से पूर्व, जो टी.वी. चैनल, प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया दर्शा रहें हैं कि आम आदमी पार्टी 50 से 51 प्रतिशत वोट ले रही हैं, यह भी पूर्णतः सत्य हैं, जबकि भाजपा को 36 से 38 प्रतिशत तक ही वोट मिले हैं. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस-राजद गठबंधन ने आगामी बिहार चुनाव को देखते हुए, बड़ी ही सूझ-बूझ से अपनी राजनैतिक दूरदर्शिता का परिचय दिया हैं ओर इस चुनाव को हल्के में लेकर भाजपा को हराने में मदद की हैं. आज जो सभी दलों का प्रतिशत दर्शाया जा रहा हैं, उसमे कांग्रेस 9 प्रतिशत पर ही दिख रही है. यदि कांग्रेस भी भाजपा की तरह अपनी ताकत झोंकतीं तो उसे भी कम से कम 20 प्रतिशत वोट का लाभ होता और यही 20 प्रतिशत वोट चुनाव को त्रिकोणीय दिशा में ले आता. यही वजह हैं कि आम आदमी पार्टी का 51 प्रतिशत वोट भाजपा के 38 प्रतिशत वोट से बहुत ही बड़ा अंतर बनाये हुए हैं. कहीं ऐसा न हो कि इस अंतर के कारण भाजपा का खाता ही ना खुल पाए.

लेकिन 5 से 6 सीट ऐसी हैं जहाँ मुकाबला त्रिकोणीय हुआ हैं. अब यही देखना हैं कि इन 5-6 सीटों पर कांग्रेस जीत दर्ज करती हैं कि भाजपा? बस हम सब को चुनाव आयोग के बताये परिणामों का 11 फरवरी 2020 तक इंतजार करना होगा.