पिछले कुछ दिनों से यह बहस तीव्र है कि धर्म बदलने से नस्ल नहीं बदलता. और इसको लेकर कोई दो राय अब नहीं रह गया है. लेकिन इस तथ्य के साथ ही यह भी समझ कर चलना चाहिए कि धर्म बदलने से नस्ली उत्पीड़न भी खत्म नहीं होता. इसका ज्वलंत उदाहरण बन गया है अमेरिका, जहां पिछले दिनों ‘ब्लैक लाईव्स मैटर’ के नारे के साथ एक तीव्र आंदोलन ही शुरु हो गया और जो जारी है.
यही नहीं, ट्रंप अपनी तमाम प्रशासनिक विफलताओं, खास कर कोरोना महामारी से निबटने के मोर्चे पर जिस तरह असफल हुए, उसके बाद भी इस चुनाव में उनको मिली सफलता इस बात का प्रमाण है कि अमेरिका में नस्ली भावनाओं जड़े कितनी गहरी है. वहां रिपब्लिकन पार्टी के वाईडन आगे तो हैं, लेकिन ट्रंप उनसे ज्यादा पीछे नहीं और इस बात की पूरी संभावना है कि हारने के बावजूद ट्रंप अमेरिका में शक्तिशाली बने रहेंगे. और उनकी शक्ति का राज अमेरिका के अंतर में छुपी नस्ली भावनाएं ही है.
यह बात किसी से छुपी नहीं है कि अमेरिका और यूरोपीय देशों में दिखने वाले आदिवासी मूल के लोग मूलतः दक्षिणी अफ्रीका से महज दो ढ़ाई सौ वर्ष पहले गुलाम बना कर लाये गये थे. उन्हें खास तरह के जहाजों में भर-भर कर लाया जाता था और अमेरिका व यूरोपीय देशों के तटों पर उतरते ही पहले ईसाई धर्म की दीक्षा दी जाती थी और उसके बाद तंबाकू और गन्ने के खेतों में जोत दिया जाता था. अपने अमानवीय परिस्थितियों से विरोध करने पर समान धर्मा गोरों द्वारा भीषण यातनाएं दी जाती थी.
इस नस्ली उत्पीड़न से एक लंबे संघर्ष के बाद वे मुक्त हुए और पिछली बार अमेरिका में जब ओबामा राष्ट्रपति बने तो यह भ्रम बना कि तथाकथित सभ्य देशों में नस्ली भावनाएं खत्मप्राय और अतीत की वस्तु बन गयी हैं. लेकिन पुलिस हिरासत में जार्ज फ्लायड की मौत ने एक बार फिर पुराने घाव हरे कर दिये. एक पुलिसकर्मी के घुटनों के नीचे दबे जार्ज का पीड़ा सा विकृत चेहरा और उनकी कात पुकार ने लोगों की चेतना को झकझोर कर रख दिया.
इस नाटकीय घटना के परे की सच्चाई यह है कि अमेरिकी आर्थिक विकास के चकाचैंध में बहुधा यह तथ्य ओझल हो जाता है कि ईसाई बन चुके कालों की स्थिति वहां बेहद खराब है. कोरोना से मरने वालों में बड़ी संख्या उन लोगों की ही है. यानि, धर्म बदलने से न नस्ल बदला और न नस्ली उत्पीड़न ही खत्म हुआ है. नस्ली उत्पीड़न तो भौतिक हालात बदलने से ही खत्म होंगे और भौतिक हालात मानवीय गरिमा के साथ जीने के हक के संघर्ष से ही बदलेगा, किसी अन्य शाॅटकट से नहीं.