आदिवासियों के लिए अलग धार्मिक कोड एक आंदोलन बन चुका है, उसे राजनीति का खिलौना नहीं बनने देना चाहिए. सीधी सी बात है कि जो भी लोग सरना कोड पर एकांगी राजनीति करना चाहते हैं, उनकी मंशा बहुत साफ नहीं. आधुनिक संदर्भ में जल, जंगल, जमीन के आंदोलन से जुड़ा है अलग धार्मिक कोड का मसला. जिन्हे आदिवासियों के जमीनी आंदोलनों से कोई वासता नहीं, यदि ऐसे लोग सरना कोड को लेकर अतिरिक्त सक्रियता दिखाते हैं तो सावधान हो जाना चाहिए. आप सबों को याद होगा कि झारखंड बनने के तुरंत बाद डोमेसाईल को लेकर भयंकर आंदोलन चला था. ठीक-ठाक डोमेसाईल नीति तो अब तक नहीं बन पायी, लेकिन इसके नाम पर जो राजनीतिक ध्रुवीकरण हुआ, उसका सर्वाधिक लाभ भाजपा ने उठाया.
इसलिए पहले यह स्पष्ट हो जाना चाहिए कि भाजपा की मंशा इस मुद्दे पर क्या है? यह कहना कि भाजपा ने विधान सभा में इस प्रस्ताव को पारित किये जाने का विरोध नहीं किया, काफी नहीं. झारखंड से भाजपा के कई सांसद हैं. विधायकों की भी संख्या कम नहीं. उन विधायकों, सांसदों को अपनी पार्टी और केंद्र में बैठी भाजपा सरकार के शीर्ष नेताओं से पूछना चाहिए कि अलग धार्मिक कोड के बारे में उनकी राय क्या है. यदि भाजपा का दावा है कि वह इस मांग का समर्थन करती है तो दिक्कत क्या है? अलग धार्मिक कोड सभी राज्यों के आदिवासी चाहते हैं. मतभेद शब्द को लेकर हो सकता है. राज्य सरकार ने प्रस्ताव पारित कर दिया है और केंद्र में भाजपा की सरकार है. लेकिन यह कहना कि राज्य भाजपा इसकी समर्थक है और भाजपा व संघ के शीर्ष नेता इसको लेकर अस्पष्ट, तो यह धोखा होगा.
इसलिए सबसे पहली जरूरत है कि भाजपा अपनी नीयत साफ करे. इसके बाद आदिवासियों की व्यापक एकजुअता की जरूरत होगी. आदिवासीबहुल अन्य राज्यों के आदिवासी इस बारे में क्या सोचते हैं, यह जानना बहुत जरूरी है. कम से कम से कम बृहद झारखंड यानि, छत्तीसगढ़, ओड़िसा, बंगाल, मध्यप्रदेश समीपवर्ती राज्यों के आदिवासियों को इस मुद्दे पर एकजुटता बनानी होगी. इस काम की पहलकदमी कौन करेगा?
एक बात और समझने की है. जनगणना का काम जल्द ही शुरु होने वाला है. इस बात की आशंका है कि उसके पहले हो सकता है अलग धार्मि कोड का मसला हल नहीं हो पाये. तो क्या तब तक के लिए वह स्थिति बहाल नहीं की जा सकती जो आजादी के पहले थी और बाद की एकाध जनगणना तक रही? कोई फौरी व्यवस्था केंद्र सरकार अगली जनगणना के पहले करे ताकि आदिवासी अपनी पृथक पहचान जनगणना फार्म में दर्ज कर सकें.
सभी साथियों को इस विषय में गंभीरता से विचार करना चाहिए.