फुटबाॅल को पुरुषों का खेल माना जाता रहा है. पुरुष विश्व कप फुअबाॅल के खेलों के दौरान यह और भी स्पष्ट होता है कि यह खेल खिलाड़ी और टीम का ना होकर खेलों में शामिल देशों के गौरव का विषय बन जाता है. इन देशों के जीतने से उनकी इज्जत ही नहीं बढ़ती है, बलिक इनके व्यावसायिक हितों की भी रक्षा होती है. इसीलिए खिलाड़ियों पर इतना खर्च किया जाता है. विभिन्न देशों के खेल संघ खिलाड़ियों के खान-पान, विश्राम, अभ्यास तथा अनुशासन को लेकर नियम बनाते हैं. सभी देशों के नियम लगभग एक ही तरह के होते हैं. लेकिन 2018 के विश्व कप के पहले औरत भी इनके नियमों का एक हिस्सा बन गयी थी. औरत के उपभोग और उपयोग को लेकर सभी देशों के नियम एक तरह के नहीं हैं. जो इस तरह है.-

होस्टारिका, रूस, मैक्सिकों, बोस्निया तथा हरने गोईना ने अपने खिलाड़ियों पर खेल के दौरान सेक्स पर रोक लगा दी थी. इन देशों के कोचों का मानना था कि चालीस दिन तक यदि बिना सेक्स के रहना पड़े तो कोई नुकसान नहीं है. यदि खिलाड़ी अपने इस फस्ट्रेसन को खेल के मैदान में उतारेंगे तो इससे उनका भला ही होगा.

ब्राजील के खिलाड़ियों को दूसरे दौर तक अपनी पत्नी तथा प्रेमिका से शारीरिक संबंध बनाने की छूट थी, लेकिन इस हिदायत के साथ कि वे हमेशा अपने शारीरिक शक्ति को ध्यान में रखें. नाईजेरिया के खिलाड़ी केवल अपनी पत्नियों के साथ हमबिसतर हो सकते थे. फ्रांसीसी खिलाड़ियों से कहा गया था कि वे एक सीमा तक ही औरतों से शारीरिक संबंध बना सकते हैं, क्योंकि यह उनके स्वास्थ के लिए अच्छा होगा, लेकिन ज्यादा होने पर नुकसान पहुंचा सकता है.

जर्मनी, स्पेन, अमेरिका, आस्ट्रेलिया, इटली, नीदरलैंड, स्वीटजरलैंड, उरुकवे, इंग्लैंड ने अपने खिलाड़ियों पर सेक्स पाबंदी तो नहीं लगायी लेकिन खिलाड़ियों को अनुशासन में रहने की सलाह दी, क्योंकि इन देशों के कोच मानते हैं कि सेक्स से खिलाड़ी हट जायेंगे, इसका असर उनके खेल पर पड़ेगा.

यहां गौर करने वाली बात यह है कि खेल खेल के लिए न होकर देशों के हार-जीत का विषय बना दिया गया और उनकी प्रतिष्ठा को इसके साथ जोड़ दिया गया है. इस प्रतिष्ठा को प्राप्त करना है तो कठोर अनुशासन के तहत खिलाड़ियों का औरत के साथ शारीरिक संबंध के मापदंड निश्चित किये जायेंगे, जिनकों पुरुष ही बनायेंगे. ऐसा लगता है कि स्त्री-पुरुष के बीच का शारीरिक संबंध सहज न होकर उपयोगिता के आधार पर तय होगी. पुरुष स्त्री के साथ संबंध बनाये या नहीं या कितना बनाये, यह पुरुष ही तय करेंगे. इसमें औरत की इच्छा या अनिच्छा का कोई प्रश्न नहीं. पुरुष की जरूरत के अनुसार वह हमेशा प्रस्तुत रहेगी. यहां औरत फुटबाॅल के खेल में गेंद की स्थिति में है जो खिलाड़ी की जरूरत तथा उपयोगिता के अनुसार डोलती रहेगी.

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