डिजिटल दुनिया में लगातार फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं यह जो फ्रॉड वाले किस तरह लोगों को बातों में बहलाते है, भरोसा दिला कर लोगों से पैसा ठगते हैं, इसके मामले निरंतर सामने आते रहते हैं. दिलचस्प यह कि पहले तो डिजिटल फ्राॅड के शिकार पैसे वाले लोग हुआ करते थे. अब मामूली से मामूली आदमी को इसका शिकार बनाया जा रहा है. एटीएम से अवैध निकासी, किसी भी तरह ओटीपी और बैंक कार्ड से नंबर प्राप्त कर एकाउंट साफ कर देने की घटनाएं हो रही हैं.
डिजिटल इंडिया मिशन की शुरुआत 1 जुलाई 2015 में हुआ है जो निरंतर चलता आ रहा है देखा जाए तो इसमें जितना फायदा है. उतना ही नुकसान भी. डिजिटल होने के बाद सभी काम ऑनलाइन होने लगे, इससे समय की बचत तो हो रही, परंतु अब धीरे-धीरे यह असुरक्षित होता जा रहा है. डिजिटल इंडिया के साथ-साथ एटीएम फोन पे, गूगल पे आदि से लेनदेन कर रहे हैं. यहां तक कि वे अपना बैंक का इंफॉर्मेशन तक अंजाने में एप्प में डाल रहे हैं. और यही कभी-कभी इसके घातक परिणाम होते हैं. कैसे-कैसे तरीके जालसाजी करने वाले अपनाते हैं, इसका एक ताजा उदाहरण मैं आपके सामने रखती हूं.
मेरी बस्ती का एक युवक कुछ वर्षों से एक चिकेन शाॅप चलाता है. उसके पास एक दिन कॉल आया और उससे कहा कि आप चिकन शॉप से बोल रहे हैं तो उसने कहा हां. तो उक्त आदमी ने खुद को मिलिट्रि छावनी का आदमी बताया और चिकन शॉप वाले को 15 केजी चिकन का आर्डर दिया. उसने अपना आधार कार्ड भी शेयर किया. यह सब देख चिकन शॉप वाले जल्दी-जल्दी 15 केजी चिकन काट कर तैयार कर दिया और उस आदमी को कॉल किया और कहा, भैया आपका चिकन तैयार हो गया है, आप लेने आ जाइए. तो, आदमी ने कहा कि मेरे बंदे को मैं भेज रहा हूं, पैसा मैं ऑनलाइन पे कर दूंगा. चिकन शॉप वाले ने ‘फोन पे’ को स्केन कर उसे व्हाट्सएप कर दिया और कहा भैया इसमें पैसा भेज दीजिए. उस आदमी ने कहा, भैया इसमें तो पैसा नहीं जाएगा. एक काम कीजिए, आप अपना एटीएम कार्ड का फोटो मुझे भेज दीजिए. मैं पैसा आपको भेज देता हूं. चिकन शॉप वाला सोचने लगा कि एटीएम में कैसे पैसा आएगा.
उस युवक ने अपनी दुकान पर बैठे एक आदमी से पूछा- भैया वह मुझे एटीएम कार्ड भेजने कह रहा है. उस व्यक्ति ने समझाया कि अगर वह ऑनलाइन लेनदेन कर सकता है, तो वह फोन पे क्यों यूज नहीं कर सकता है. वह आपको ठग रहा है. इस बीच फिर उस आदमी का कॉल आया और वह आदमी जल्दी जल्दी फोर्स करने लगा और बोलने लगा भैया जल्दी भेजिए लेट हो रहा है. तो चिकन शॉप वाले ने कहा- ठीक है. मैं अकाउंट नंबर दे देता हूं. उसमें पैसा भेज देना. उस आदमी ने पहले तो इंकार किया, फिर बोला- आप अकाउंट नंबर और उसके साथ आधार कार्ड मुझे व्हाट्सएप में भेज दीजिए.
दुकान वाला घबरा गया, कि यह आदमी ऐसा क्यों कर रहा है. एक तरफ उसका 15 केजी चिकन का नुकसान हो गया और उसने यह सब िकया तो उसे और भी नुकसान हो सकता है. चिकन शॉप में एक आदमी बैठा हुआ था. वह चिकन शॉप वाले का सभी बातें सुन रहा था. वह आदमी बैंक का कर्मचारी था.
उस आदमी का फिर काॅल आया तो युवक ने मोबाईल बैंक कर्मचारी को थमा दिया. बैंककर्मी ने उसे डांटते हुए कहा कि तुम्हें इस तरह धोखाधड़ी करते भय नहीं लगता? जल्द से जल्द पांच हजार रुपये भेज कार चिकेन ले जाओ, वरना हम साईबर थाने में कंपलेन कर देंगे. यह सुनते ही दूसरी तरफ से फोन कट गया. लेकिन उसने न तो पैसे भेजे और न चिकन ले गया. चिकन बेचने वाला युवक बड़ी लूट से तो बच गया, लेकिन इस गर्मी में वह 15 केजी चिकेन कहां बेचता. उसने उसे बस्ती में बांट दिया.
देखा जाए तो जब से पैसे का लेन देन डिजिटल हुआ है, लोग अपने पर्स में पैसा तक नहीं रखते हैं. वह एटीएम फोन पे, गूगल पे, पर ही पैसा लेन देन करना चाहते हैं. इसके कारण जितने भी दुकानदार हैं, चाहे वह पढ़े लिखे हां,े चाहे अनपढ़ हां,े उन्हें भी फोन पे, गूगल पे, पेटीएम आदि का इस्तेमाल करना पड़ रहा है. वे नहीं जानते पैसा कैसे आता है, कैसे जाता है. बस वह इस्तेमाल किए जा रहे हैं और कभी-कभार धोखा खा जाते हैं. वह युवक तो दुकान पर इत्तफाक से बैठे बैंककर्मी की वजह से बच गया.
यह तो एक घटना की कहानी है. ऐसी कितनी घटनाएं है,ं जिससे सामान्य लोगों की मेहनत की कमाई लूटी जा रही है. कभी-कभी तो लॉटरी के नाम पर लोगों को ठगा जाता है और कभी आपके अकाउंट बंद होने वाले हैं या अकाउंट अपडेट कराना है, बोलकर लोगों से सारा इंफॉर्मेशन हासिल कर कर उन्हें लूटा जा रहा है.