पिछले दिनों ‘आपरेशन मेघचक्र’ के तहत सीबीआई द्वारा झारखंड सहित बीस राज्यों में की गयी छापेमारी ने कई नई जानकारियां दी है. यह ‘चाईल्ड पोर्नाेग्राफी’ के खिलाफ एक अभियान के तहत किया गया. हमारे देश में बाल यौन उत्पीड़न से संबंधित सामग्री बनाना, उसे प्रसारित करना एवं देखना अपराध की श्रेणी में आता है. सीबीआई ने एक ऐसे नेटवर्क का भी पर्दाफाश किया जो पूरे देश में अपना जाल बिछा रखा है. वे धड़ल्ले से ऐसी सामग्री बच्चों को भी सस्ते में उपलब्ध करा रहे हैं. बच्चों की शारीरिक और मानसिक ब्लैक मेलिंग की भी जानकारी मिली है, जो समाज के लिए घातक है.
महिला उत्पीड़न व बलात्कार की प्रवृत्ति पर चर्चा करते समय इस खबर ने चैंका दिया. क्या ऐसा नहीं लगता कि समाज में फैले अपसंस्कृति और यौन उत्पीड़न की घटनाओं में बढ़ोत्तरी का यह भी एक महत्वपूर्ण कारक है?
एक ओर बड़े शहरों में ‘लिविंग रिलेशनशिप’ की संस्कृति फलफूल रही है. समलैंगिकता को भी सामाजिक एवं कानूनी समर्थन मिल रहा है. लेकिन एक बड़ा तबका ऐसा भी है जिनमें ‘आॅनर किलिंग’ एवं ‘सामाजिक वहिष्कार’ की मानसिकता जड़ जमाई हुई है. एक बड़ी आबादी वैसे लोगों की भी है जहां यौन विषयों पर चर्चा करना, यौनजनित समस्या पर बोलना निषेध माना जाता है, जबकि अखबारों में छपे विज्ञापन इनकों को बढ़ावा देते हैं. प्यार भरी बातें करने के लिए फोन नंबर दिये जाते हैं. ब्यूटी पार्लर, साईबर कैफे की आड़ में स्त्री देह प्रस्तुत किया जाता है. ये सभी पुरुष मानसिकता की सोच को परिलक्षित करते हैं.
यही कारण है कि यौन उत्पीड़न एवं बलात्कार की घटनाओं में कमी नहीं आ रही है. चाईबासा तथा जगन्नाथपुर के गैगरेप की घटनाओं ने हमें सकते में डाल दिया है. इनमें गिरफ्तार आरोपियों में से कुछ 13 से 17 वर्ष के बीच के थे. पहले पीड़िता नाबालिग होती थी, अब आरोपी भी नाबालिग पाये जा रहे हैं. उनकी संलिप्तता चिंता का विषय है. स्कूलों और कालेजों के पास तरह-तरह के लुभावनी सामग्री सस्ते दामों में उपलब्ध कराया जाता है. सिगरेट, गांजा, अफीम जैसे नशीले सामान भी उनको आसानी से उपलब्ध है. जो हमारे बच्चों को अंधी गलियों में पहुंचा रहे हैं.
सरकार एवं परिवार-समाज को इस पर गंभीरता से सोचना चाहिए. सिर्फ छापेमारी से स्थितियां नहीं बदलने वाली. बेरोजगारी दूर करने, महंगाई पर अंकुश लगाने के साथ समाज में लड़के-लड़कियों के बीच सहज दोस्ताना संबंध स्थापित करना भी सही दिशा की तरफ एक कदम हो सकता है.