अमेरिकन सिविल वार के बाद के अस्त व्यस्त वाले युग में अमेरिका के मिसौरी में पैदा हुए जेसे जेम्स (1847-1882) को 19वीं सदी के अन्त का सबसे बड़ा प्रतिबंधित व्यक्ति माना गया है, जिसने बैंक और रेलवे के लूट और अनगिनत हत्याओं से न सिर्फ अपना नाम कमाया बल्कि लाखों दिलों पर ‘राज’ भी किया।
अमेरिका में दक्षिण के सात राज्यों द्वारा उस समय विद्रोह कर दिया गया जब काले लोगों (जिन्हें पहले नीग्रो कहा जाता था) को राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने स्वतंत्रता दी।
जेसे जेम्स का परिवार भी दक्षिण में था और जब सेना द्वार उसके पिता को फंसी पर लटकाया गया तो युवा जेसे जेम्स ने विद्रोह कर दिया।
लेकिन उसका विद्रोह एक अपराध में बदल गया और मूल रूप से वह अपने बड़े भाई फ्रेंक जेम्स और अन्य साथियों के साथ बैंक लूट, रेलवे में डाका और हत्यायें किया करता था।
दुनिया में रेल के आने का प्रभाव अमेरिका पर भी पडा। वहाँ भी रेलवे कम्पनियां जमीन अधिग्रहण के लिये जमीन मालिकों को कम पैसे देती थी। जेसे जेम्स के परिवार के साथ भी यही हुआ और रेलवे कम्पनियों द्वार इतनी कठोरता बरती गई कि जेसे जेम्स की मां को भी उन्होंने जला कर मार डाला।
फिर शुरु होता है उसके अपराध के कारनामें। वह इतना बड़ा विद्रोही -अपराधी बाना कि 1870 के आसपास सरकार ने उसके सिर पर 25 हजार डालर का इनाम रखा।
कहा जाता है कि जेसे जेम्स ने उस जमाने में 1.5 मिलियन डॉलर की लूट की थी, जिसके खजाने को कोई नही जनता कि उसने कहां छुपा रखा था। आज की तारीख में उस खजाने की कीमत 500 मिलियन डॉलर बताई जाती है, जिसे खोजकर्ता आज भी खोज रहे हैं।
लेकिन जेसे जेम्स का चरित्र ब्रिटेन के राबिन हुड की तरह नही है। उसकी जीवनी के लेखकों ने यह कहीं नही दिखाया कि वह राबिन हुड की तरह अमीरों को लूटकर गरीबों में बँटता था।
अपराध जगत में एक अपराधी का अन्त मूल रूप से एक ही प्रकार से होता है-उसकी हत्या।
जेसे जेम्स की हत्या उसी के गैंग के एक 20 साल के युवक राबर्ट फोर्ड ने उसके सर पर रखे इनाम की लालच में कर दी। इस युवक को जेसे जेम्स ने ही अपनी गिरोह में लाया था। जेम्स पर कई फिल्में हॉलीवुड में बनी हैं,और कई किताबें लिखी गई हैं।