जिन खिलाड़ियों ने अपने दम और कौशल के बल पर देश का नाम रौशन किया और पदक जीते, आज उन महिला पहलवानों को अपने हक के लिए सड़कों पर उतर सरकार से दो हाथ करना पड़ रहा है. महिला खिलाड़ी अपने समर्थकों के साथ 23 अप्रील मे जंतर-मंतर पर धरने पर बैठी हैं.
लड़कियों को बचपन से ही दब कर रहने, अन्याय बर्दास्त करने और अनहोनी होने पर भी चुप रहने की नसीहन दी जाती है. वे तभी चुप्पी तोड़ती है जब उसके सहने की सीमा समाप्त हो जाती है. यही हाल देश की नामी गिरामी महिला पहलवानों की है. वे जनवरी माह से ही अपने यौन उत्पीडन के खिलाफ संघर्ष कर रही हैं. उनकी मांग वृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी है. वे भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष के साथ- साथ भाजपा सांसद भी है. विनेश फोगट, साक्षी मलिक के साथ सात महिला पहलवानों ने उन पर यौन - उत्पीड़न का मामला दर्ज करवाया है.
जंतर-मंतर पर धरना पर बैठी पहलवानों के हिम्मत की दाद देनी चाहिए कि उन्होंने पूरे देश में यौन उत्पीड़न के प्रति एक बहस चलायी है. वे मूलतः महिला ही हंैं और उनकी यह समस्या पुरुषवादीं सोच के कारण है. आये दिन कार्यालयों घरों, कॉलेजों, कल-कारखानों इत्यादि विभिन्न स्थानों में यौन उत्पीड़न की घटनायें होती हंै और पीड़िता को न्याय नहीं मिल पाता.
पुलिस, प्रशासन बृजभूषण के बचाव में जुटी है. तीन मई को बारिश के कारण धरना- स्थल भींग गया था. महिलाओं ने फोल्डिंग काट मंगवाया. पर पुलिस ने रोका, हाथापाई की और नशे में उन्हें अपशब्द भी कहें. इससे विनेश फोगट के गार्ड का सर फट गया एवं कई समर्थकों को चोटें आई, पूरी घटना में महिला- पुलिस नदारत रही.
इस घटना के बाद कई खिलाड़ियों ने अपना पदक, पद्मश्री पुरस्कार लौटाने की बात कहीं है. उनकी मांग इतनी ही है कि प्राथमिकी दर्ज हो, पुलिस कार्रवाई करे और भृजभूषण की गिरफ्तारी हो. साथ ही उन्हें पद से हटाया जाए. इन महिला पहलवानों के समर्थन में कपिल देव, साइना मिर्जा, विरेन्द्र सहवाग, नवजोत सिंह सिद्धू, निकहत जरीन, नीरज चोपड़ा, जैसे दिखलाड़ियों ने साथ दिया है. सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने प्राथमिकी तो दर्ज किया लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है
आंदोलन के दबाव में पुलिस ने कुछ खिलाड़ियों के बयान दर्ज किये हैं, साथ ही अभियुक्त वृजभूषण सिंह का भी बयान लिया है. वह अपने बयान में खुद को लगातार निर्दोष बता रहा है. महिला खिलाड़ियों ने उसका नार्को टेस्ट कराने की मांग की है. धीमी गति से ही पुलिस अपने जांच के काम को आगे बढ़ा रही है. वृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं होने की स्थिति में संघर्षरत महिला पहलवानों ने 21 मई के बाद आंदोलन को और ज्यादा व्यापक बनाने का निर्णय लिया है.