23 अप्रैल 2023 से राष्ट्रीय गौरव बढ़ाने वाली हमारी महिला पहलवान, रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहीं हैं. इससे पहले जनवरी में भी उन्होंने अपने इन्हीं मांगो को लेकर जंतर-मंतर पर धरना दिया था. ये हमारी महिला पहलवान बेटियाँ कोई आम लड़कियों कि तरह कमजोर या अबला नहीं हैं, ये बेटियां पहलवान हैं, जो कितनों को पछाड़ सकती हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धायें जीत कर हमारे देश का मान बढ़ाया है. आज वो आरोप लगा रही है एक ऐसे व्यक्ति के उपर जिस पर पहले से ही कई आपराधिक मामलों के केस दर्ज हैं, जो छह बार से सांसद है, जिसने लल्लन टॉप ( सोशल मीडिया नेटवर्क) में दिये गए एक साक्षात्कार के दरम्यान खुद बताया है कि उसने कई हत्याएँ की हैं, लेकिन उन हत्याओं के लिए उस पर आज तक कोई केस नहीं चला है. वह बीजेपी के साथ-साथ समाजवादी पार्टी से भी चुनाव जीत चुका है. इस तरह के आपराधिक व्यक्ति के खिलाफ आरोप लगाना कोई छोटी बात नहीं है. तब भी हिम्मत कर हमारी बेटियों ने इन पर आरोप लगाया. आश्चर्य कि बात यह है कि इतने दिन बीत जाने पर भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
पहले तो कहाँ गया कि कोई आरोप है तो धरने पर बैठने से कुछ नहीं होगा, इन्हें एफआईआर करना चाहिए. उधर पुलिस एफआईआर करने को तैयार नहीं थी. उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद एफआईआर हुआ. लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. एक एफआईआर पोस्को के तहत भी किया गया है.
बृजभूषण के खिलाफ दर्ज दो अलग-अलग एफआईआर में पहलवानों ने कई संगीन आरोप लगाए हैं. इसके अनुसार, बृजभूषण ने कथित रूप से कई बार महिला पहलवानों से छेड़छाड़ की. गलत तरीके से उन्हें छुआ. यहां तक कि सांस चेक करने के बहाने उनकी टी-शर्ट भी उतार दी. नाबालिग पहलवान का आरोप है कि ‘‘बृजभूषण ने उससे फिजिकल रिलेशन की डिमांड की.“
महिला पहलवानों का आरोप है कि बृजभूषण शरण सिंह ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उनके साथ यौनिक दुव्र्यवहार किया है. इनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए और इनके इस आपराधिक कार्य के लिए उचित कार्रवाई होनी चाहिए.
एफआईआर में विस्तार से इन घटनाओं का वर्णन दिया गया है कि कब कब बृजभूषण ने कौन-कौन से आपत्तिजनक व्यवहार किये, कब, क्या कहा. एक नाबालिग पहलवान के पिता ने भी आरोप लगाया है कि - ‘उनकी बेटी ने एशियन चैंपियनशिप में 62 किलो फ्री स्टाइल में गोल्ड मेडल जीता. फिर 16 साल की उम्र में झारखंड के रांची में नेशनल गेम्स में जूनियर रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड जीता. यहीं पर फोटो लेने के बहाने बृजभूषण ने जबरन बेटी को अपने करीब खींचा. उसे बाँहों में इतना कसकर जकड़ लिया कि वह खुद को छुड़ाने के लिए हिल तक नहीं पाई. बृजभूषण अपना हाथ उसके कंधे के नीचे से ले गया. बृजभूषण ने उनकी बेटी से कहा कि तुम मुझे सपोर्ट करो और मैं तुम्हें सपोर्ट करूंगा.’
इस तरह की कई घटनाएँ एफआईआर में वर्णित हैं जो बृजभूषण के द्वारा किये गए अपराधों को स्पष्ट बताती हैं. एक पहलवान कहती हैं कि - ‘बिसकेक में चैंपियनशिप के दौरान मैं ग्राउंड के मैट पर स्ट्रेचिंग-वार्मअप कर रही थी. बृजभूषण वहां किनारे खड़े होकर मुझे देखने लगे. जब मैं मैट पर लेटी हुई थी तो अचानक बृजभूषण करीब आ गए. तब वहां मेरा कोच नहीं था. मेरी इजाजत के बगैर उसने मेरी टी-शर्ट ऊपर खींच दी और छाती पर हाथ रख दिया. सांस लेने की जांच करने का बहाना बनाया. बृजभूषण मेरा करियर बर्बाद न कर दें, इस वजह से मैं कुछ नहीं बोल सकी. 2019 में मैं फेडरेशन के ऑफिस दिल्ली गई. वहां नेशनल कैंप की क्वेरी के लिए सेक्रेटरी विनोद तोमर से मिलने गई तो उसने मेरे भाई को बाहर रुकने को कहा. अंदर बैठे आदमी को भी बाहर भेज दिया. इसके बाद दरवाजा बंद कर मेरे साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की. मैंने भागकर जान बचाई.’
एक दूसरी महिला पहलवान ने पुलिस को बताया, ‘मैंने लखनऊ में चैंपियनशिप में हिस्सा लिया. वहां ग्रुप फोटो के दौरान बृजभूषण ने मेरे पीछे कमर के नीचे हाथ रख दिया. जब मैंने वहां से जाने की कोशिश की तो बृजभूषण ने जोर से मेरा कंधा पकड़ लिया. किसी तरह में वहां से निकली. 2022 में लखनऊ कैंप में मैंने छुट्टी मांगी. छुट्टी चीफ कोच देते हैं, लेकिन उन्होंने मुझे कहा- तुमको खुद नेताजी से मिलना पड़ेगा और उसके बाद जो भी एक्शन होगा, उसके लिए तुम खुद जिम्मेदार होगीे. मुझे कैंप से नाम काटने और ट्रायल में हिस्सा न लेने देने के लिए भी धमकाया गया.’
एक अन्य पहलवान का आरोप है, ‘कर्नाटक में मेडल सेरेमनी के दौरान बृजभूषण ने मुझे बुलाया. जहां मुझे पर्सनल सवाल पूछे. मेरे साथ फोटो खिंचवाने के लिए कंधे से पकड़कर जबरदस्ती मुझे अपनी तरफ खींचा. मैंने विरोध किया तो बृजभूषण ने कहा- ज्यादा स्मार्ट बन रही हो क्या, आगे कोई कंपीटिशन नहीं खेलने हैं क्या तुम्हें?’ उसने कहा, ‘मैंने एक कंपीटिशन में गोल्ड मेडल जीता. उसके बाद रूम में रेस्ट कर रही थी तो फिजियोथेरेपिस्ट ने आकर कहा कि मुझे बृजभूषण ने बुलाया है. मुझे लगा कि शायद बधाई देनी हो. वहां बृजभूषण ने फोन पर पेरेंट्स से बात कराई. जैसे ही कॉल खत्म हुई तो बृजभूषण ने मुझे अपने बेड की तरफ बुलाया. अचानक बिना परमिशन के मुझे जबरन गले लगा लिया. मुझे इतना सदमा लगा कि मैं रोने लगी तो बृजभूषण कहने लगा- नहीं-नहीं, फादर की तरह. इसके बाद बृजभूषण मुझसे बात करने के लिए मेरी मां को फोन करने लगा. बृजभूषण फोन पर पूछता था- मैं कैसा लग रहा था आज?, प्रैक्टिस कैसी चल रही, मुझे बता दिया करो, कुछ चाहिए तो. नवंबर 2022 में बृजभूषण ने सेक्सुअल फेवर के बदले मुझे सप्लीमेंट दिलाने की बात कही.’
एक रेसलर ने कहा, ‘मैं 2016 में मंगोलिया गई थी. वहां मैं डिनर के लिए रेस्टोरेंट में गई थी. वहां बृजभूषण ने मुझे अपनी डिनर टेबल पर बुलाया. वहां जाते ही मेरी छाती पर हाथ रख दिया. उसने 3-4 बार ऐसा किया. इस वजह से अगले 3-4 दिनों तक मैं ढंग से सो व खा नहीं सकी. एक बार मैं बृजभूषण से अलग सोफे पर बैठी हुई थी. थोड़ी देर में ही वह मेरे करीब आकर बैठ गया. मेरे हाथ, घुटने, जांघ और कंधे को गलत तरीके से छूने लगा. दिल्ली में मैं मैच हार गई तो बृजभूषण ने कसकर गले लगाया और 15-20 सेकेंड तक नहीं छोड़ा. जकार्ता में मेडल जीतने के बाद बृजभूषण ने 15-20 सेकेंड के लिए गले लगाया और मेरी छाती पर हाथ रख बोला- मैं देखना चाहता हूं कि तुम्हारी सांस कैसी चल रही है.’
यहाँ यह उद्धृत करना आवश्यक लगता है कि बृजभूषण शरण सिंह ने अपने बेटे के मित्र के साथ लैंगिक दुर्व्यवहार किया था, जिसे पुत्र बरदास्त नहीं कर पाया और आत्महत्या कर लिया था. बृजभूषण के 20 वर्षीय पुत्र ने 2004 में उसके रिवाल्वर से ही खुद को गोली मार लिया था और अपने सोसाईड नोट में यह लिख कर गया कि - “तुम एक अच्छे पिता नहीं हो, तुम हमारे बारे में कुछ अच्छा नहीं सोचते. मुझे मेरी बहन की चिंता हो रही है जो अब बड़ी हो रही है.“
किसी पुत्र द्वारा अपने पिता के बारे में कही गई इससे शर्मनाक बात और कुछ नहीं हो सकती है. बृजभूषण अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते हैं और इन महिला पहलवानों को अपमानित करने, इन्हें सबक सिखाने की कोशिश में लगे हैं. अपने पक्ष में उन्होंने अयोध्या के साधु-संतों ( पता नहीं कैसे साधु और कैसे संत है ये ) को इकट्ठा कर 5 जून को अयोध्या में ही एक महारैली का आयोजन का कार्यक्रम तय किया था जिसे बाद में रद्द कर दिया गया.सरकार या कोई भी सरकारी तंत्र इन महिला पहलवानों का साथ नहीं दे रहा है. साथ ही इन्हें बुऱी तरह घसीट कर धरना स्थल खाली कराया गया, गिरफ्तारियाँ की गईं. इनके उपर कई एफआईआर किये गए है. महिला पहलवानों ने व्यथित होकर अपने मेडल को गंगा नदी में बहाने का एलान किया, जिसे बाद में किसान नेताओं ने रोक दिया.
लेकिन इन बेटियों के समर्थन में कई लोग आगे आ रहे हैं. कई लोकतान्त्रिक शक्तियाँ, संगठन, संस्थाएं, किसान आंदोलन के नेतागण इनका साथ देने के लिए इनके पक्ष में सामने आए हैं. हरियाणा के कुरुक्षेत्र में खापों और किसान संगठनों की महापंचायत ने कहा है कि अगर सरकार ने 9 जून तक बृजभूषण को गिरफ्तार न किया और पहलवानों पर दर्ज केस वापस नहीं लिए तो खाप नेता खुद पहलवानों को दोबारा धरने पर बैठाने जंतर-मंतर जाएंगे.
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने महिला पहलवानों के समर्थन में बैनर लगाए हैं. इन बैनर में सांसद बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग की गई है. बैनर में मोदी सरकार के ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ नारे को ढोंग बताया गया.
1983 वर्ल्ड कप जीतने वाली क्रिकेट टीम ने भी बृजभूषण के खिलाफ आंदोलन कर रहे इन पहलवानों का समर्थन किया है. एक स्टेटमेंट में इन्ंहोने लिखा- ‘हम पहलवानों के साथ हो रही बदतमीजी से व्यथित हैं. हमें चिंता इस बात की है कि वे अपनी मेहनत की कमाई को गंगा नदी में बहाने की सोच रहे हैं. वे मेडल न केवल उनके अपने हैं बल्कि देश का भी गौरव है. हम आग्रह करते हैं कि पहलवान जल्दबाजी में कोई फैसला न लें. हम उम्मीद करते हैं कि उनकी शिकायतों को सुनकर जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा.’
सरकार इन पहलवानों के पक्ष में कोई भी बयान देने से बच रही है. इसमें कोई दो राय नहीं है बृजभूषण शरण सिंह जो बीजेपी का एक सांसद है, एक कुख्यात अपराधी है, जिसके उपर कई आपराधिक केस आज भी चल रहें है, लेकिन सरकार कोई भी कार्रवाई नहीं कर रही है. लगता है आज देश की प्रजातांत्रिक व्यवस्था इतनी सड़ गई है, असंवेदनशील हो गई है कि चंद निहित स्वार्थों के कारण एक अपराधी को बचा रही है. अपराधी खुले आम घूम रहा है. न्यायिक प्रक्रिया के तहत न उसकी गिरफ्तारी हो रही है, न कोई कार्रवाई ही हो रही है.