विगत दो-तीन महीनों से महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं ने पुरुष सत्तात्मक उपभोक्तावादी संस्कृति के काले पक्ष को उजागर किया है. मणिपुर की घटना पर बहुत कुछ लिखा विश्लेषण किया जा चुका है. उसके बाद कई राज्यों में वैसी ही घटना की पुनरावृति हुई जो एक नए खौफनाक नये ट्रेंड का संकेत दे रहे हैं. गैंग रेप करना, सार्वजनिक स्थलों पर निर्वस्त्र करना, वीडियो बनाना, हत्या जलाना ऐसी क्रूरता है जिसके लिए शब्द भी छोटे पड़ जाते हैं.

डर है कि कहीं हम इसके अभ्यस्त ना हो जाए, उसके पहले हमें इस पर फिर से गंभीरता पूर्वक विचार करने की जरूरत है. गिरिडीह सीरिया में एक महिला पर दूसरे से अवैध संबंध के शक मात्र पर लड़के पक्ष के परिवार वालों ने लड़की को मारते पीटते जंगल की तरफ ले गए. निर्वस्त्र किया और उसकी सारी से ही पेड़ से बांध दिया. दूसरे दिन मरना अवस्था में कुछ महिलाओं ने देखा तो कपड़े दिए और उसकी जान बची. रिपोर्ट दर्ज हुआ. 4 लोग गिरफ्तार भी किए गए.

कोलकाता के मालदा में महिला के उत्पीड़न और निरस्त करने की घटना सामने आई. मेरठ में एक नाबालिग लड़की को नशीला पदार्थ पिलाकर गैंगरेप किया गया. उसका वीडियो बनाया गया. गिड़गिड़ाती रही, कपड़े पहनने दो, कपड़े पहनने दो. बेगूसराय में 5 दिनों से लापता 10 वर्षीय बच्ची के साथ गैंगरेप के बाद हत्या कर घर में ही 7 फूट का गड्ढा खोद जमीन में गाड़ दिया गया. इसी प्रकार भीलवाड़ा में नाबालिग बच्ची के साथ गैंग रेप, हत्या में दो लोग गिरफ्तार हुए हैं और बाकी आरोपियों की तलाश जारी है.

ऐसी घटनाओं को देखते सुनते तस्लीमा नसरीन की कही बात जेहन में आती है. उन्होंने कहा कि आतंकवादी कार्य संक्रामक होते हैं. दंगे की खबर फैल जाए तो कई जगह दंगे छोड़ जाते हैं. रेप की खबर आने पर बलात्कारी नए जोश के साथ बलात्कार करने लगते हैं. लोगों का बुराई के प्रति आकर्षण होता है. आरोपियों को किसी भी सजा का खौफ नहीं. फांसी का भी नहीं. चाहे लोग भला बुरा कहे, अदालत सजा दे, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. वे निश्चिंत है कि पैसे देकर भी छूट जाएंगे.

ज्यादातर प्राथमिकी दर्ज होने पर भी गिरफ्तारियां नहीं होती. पास्को एक्ट एवं अन्य कानून हंै जो महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं, पर सारे नियम धरे के धरे रह जाते हैं. कई बार साथ 7 साल कभी 10- 20 वर्ष की सजा भी ऐसी घटनाओं पर लगाम नहीं लगा पा रही है. रक्षक जो ज्यादातर पुलिस मानसिकता के होते है,ं के सामने इस तरह की घटनाएं हो रही हैं. ज्यादातर लोग पुलिस प्रशासन की आलोचना कर खुद को पाक साफ मान लेते हैं.

लेकिन हम भूल जाते हैं कि बलात्कारी भी इसी समाज के लोग है.ं किसी माता-पिता के बच्चे हैं और इस समाज के ही हिस्से हैं. यदि पुरुष समझदार नहीं, जागरूक नहीं, तो वह समाज को कलंकित करता रहेगा. इसलिए उनको सब समझदार बनाने की जरूरत है. रेप महिलाओं के कारण नहीं होता, बल्कि अहंकार, अपने को श्रेष्ठ बनाने की मानसिकता के कारण होता है. स्त्री को उपभोग की वस्तु समझने की मानसिकता के कारण होता है.

इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो हम आप बराबर बार-बार निर्वस्त्र होते रहेंगे.