आनेवाला लोकसभा चुनाव में हमारे देश के जिंदगी की परीक्षा होने वाली है. नफरत व हिंसा फैलानेवाली सरकार को हटाना अवाम का फर्ज है। इस सरकार को हटाने के लिए हमारी रणनीति क्या हो, इस पर सोच विचार करने के लिए 8 व 9 अप्रैल 2023 को औरंगाबाद ( महाराष्ट्र ) में सम्मेलन आयोजित किया गया.
सम्मेलन दो हिस्से में चला. पहले वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर साथियों ने अपने विचार व्यक्त किए. दूसरे हिस्से में कार्यक्रम और प्रस्ताव पर विमर्श हुआ और आखिर में कार्यक्रम के संचालन हेतु कमेटी गठित की गई. महाराष्ट्र की कमिटी में ज्ञानेन्द्र कुमार , जयंत दिवाण , वासंती दिघे , ज्योति पासवान , तरंग आशा हवीब , कल्याण साखरकर , कुंजबिहारी , श्रीनिवास शिंदे, ईश्वर अहिरे रखे गये. स्थायी आमंत्रित के रूप में श्रीराम जाधव, शोभा शिराढ़ोणकर , विरेन्द्र कुमार, संध्या एदलाबादकर, अपर्णा दलवी, उषा सोनवणे, नूतन मालवी, रमाकांत पाठक, प्रकाश सनगत और संदीप जाधव को रखा गया है. अंतरप्रांतीय कमिटी में इन नामों के साथ रेणुका मालवीय, अमन सिद्दीकी (म.प्र) और अमन पांडे(छत्तीसगढ़) को जोड़ा गया है. ये समितियाँ खुली हैं. भागीदारी और सक्रियता के अनुसार इनमें जुड़ाव किया जाता रहेगा.
सम्मेलन से दो प्रस्ताव पारित हुए. पहले प्रस्ताव में सभी गैरभाजपा विपक्षी दलों से यह जनअपील की गयी है कि वे भाजपा के मुकाबले एक सर्वसम्मत उम्मीदवार दें. दूसरे प्रस्ताव में शिक्षा प्रशासन और स्कूलों से आग्रह किया गया है कि वे अपने स्कूलों में हर दिन संविधान की उद्देशिका - प्रस्तावना का पाठ करें - करवायें.
बैठक में अभियान के राष्ट्रीय संयोजक प्रो. आनंद कुमार , सह संयोजक मंथन , बिहार के संयोजक सुशील कुमार व महाराष्ट्र से अभियान के राष्ट्रीय समिति के सदस्य ज्ञानेंद्र कुमार उपस्थित थे. आनन्द कुमार ने समापन भाषण किया. उन्होंने अपने हाल के कर्नाटक दौरे से हासिल चुनावी परिदृश्य को भी बताया. उन्होंने बताया कि वहाँ संभावना पूरी तरह काँग्रेस के पक्ष में है. अगर काँग्रेस अपना बिखराव दूर कर ले, विपक्षी दलों के साथ सम्मानजनक संवाद और सीट तालमेल कर सके तो उनकी जीत निश्चित है. अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि आर एस एस की विराट शक्ति की बात हौव्वा है. वह कायर और क्रूर शक्ति है. मजबूत चुनौती मिलने पर वे टिक नहीं सकते. उन्होंने स्पष्ट रूप से यह कहा कि हम भाजपा को हराने के लिए काँग्रेस को साथ देने के लिए तैयार हैं, सिर्फ काँग्रेस नहीं भाजपा के फासिज्म के विरोध में लड़ने वाले , भाजपा को हरा सकनेवाले अन्य विपक्षी दलों को भी साथ देने के लिए तैयार हैं. दवाई , कमाई , पढ़ाई , महंगाई के मुद्दे पर आम लोगों, गरीबों को जोड़ते हुए भाजपा विरोध की रणनीति अपनानी होगी.
इस सम्मेलन में 50 से ज्यादा सहभागी जुड़े. महाराष्ट्र के 15 जिलों से सम्मेलन में प्रतिनिधि शामिल रहे. छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश से भी युवा साथी शामिल रहे. ये युवा साथी अपने यहाँ से भारत जोड़ो यात्रा में जुड़े और कश्मीर तक गये थे.