झारखंड के उभरते फिल्मकार रूपेश कुमार को उनकी फिल्म ‘रैट ट्रैप’ को लिए कोलकाता में फेडरेशन आॅफ फिल्म सोसायटी आॅफ इंडिया द्वारा आयोजित फिल्म फेस्टिवल में दूसरे बेस्ट डोक्यूमेंट्री फिल्म का खिताब मिला है और उन्हें ‘सत्यजीत रे सिल्वर एवार्ड’ प्रदान किया गया है. रूपेश चर्चित फिल्मकार मेघनाथ व ख्यातिप्राप्त फोटोग्राफर बीजू टोप्पो के टीम के सदस्य हैं और वर्षों से उनके साथ काम कर रहे हैं. उन्होंने कई अन्य महत्वपूर्ण डोक्यूमेंट्री फिल्म भी बनाई है जिनमें से एक कोयला खदानों में खाक हो रही आदिवासियों की जिंदगी को दिखाती ‘बस्तर जंक्शन है.

अपनी पुरस्कृत फिल्म के बारे में रूपेश ने बताया कि यह फिल्म साईकल पर कोयला ढ़ोंने वालों की त्रासद जिंदगी पर केंद्रित है. झारखंड में रहने वाला शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा जिसने कोयले की बोड़िया लाद कर अमानुष की तरह साईकल पर ढ़ोते लोगों को नहीं देखा होगा. खेती का विनाश, रोजगार का घटता ग्राफ उन्हें इस काम की तरफ ढ़केलता है जो पूरी तरह अवैध होते हुए भी पुलिस प्रशासन के संरक्षण में चलता है.

रूपेश को ‘साथी जोहार’ टीम की तरफ से बधाई