‘लजाव मराव’ शब्द मेरे दिमाग से लगभग खत्म हो चुका था और मुझे यही लगता था कि आजकल इसका कहीं कोई अस्तित्व नहीं है. पर इससे सम्बंधित एक आर्टिकल पढ़ने को मिला जिसमें ‘लजाव मराव’ को लगभग बेहतर समाधान बताया गया था.

‘लजाव मराव’ संताली शब्द है जिसका हिन्दी अर्थ लगभग ‘अपमान खत्म करना’ या ‘इज्जत के बदले आर्थिक हर्जाना देना’ होता है. इस शब्द का इस्तेमाल तब होता है जब कोई संताल स्त्री परम्परागत पंच (मोड़े होड़) के पास यह मामला लेकर जाती है कि उसका किसी ने रेप किया है. इस तरह के केस में मोड़े होड़ अपने कस्टमरी_लॉ के ‘लजाव_मराव’ नियम के तहत उस आरोपी पुरुष को क्षमता अनुसार आर्थिक दंड देकर छोड़ देती है.

आर्थात संताल कस्टमरी लॉ एक बलात्कारी को केवल आर्थिक जुर्माना देकर छोड़ देती है.

‘लजाव मराव’ शब्द मेरे दिमाग से लगभग खत्म हो चुका था और मुझे यही लगता था कि आजकल इसका कहीं कोई अस्तित्व नहीं है. पर इससे सम्बंधित एक आर्टिकल पढ़ने को मिला जिसमें ‘लजाव मराव’ को लगभग बेहतर समाधान बताया गया था.

जब भी किसी संताल लड़की के रेप से सम्बंधित केस लेकर मैं थाने जाती थी, तो पुलिस सबसे पहले यही सलाह देती थी कि आप लोग पहले अपने ‘मोड़े होड़’ के पास ये मामला लेकर जाइए वहां से समाधान नहीं हुआ तो हम देखेंगे. मतलब पुलिस भी ये जानती है कि इनका अपना कस्टमरी लॉ है जहाँ पैसे देकर इस तरह के मामले खत्म करने की परंपरा है. कई बार तो बकायदा थाने में बुलाकर पैसे को लेकर मोल भाव हो जाता है और मामला खत्म.

हालांकि ऐसा दूसरी जातियों में भी होता है, पर यहाँ फर्क यह हो जाता है कि हमारे यहाँ तो कस्टमरी लॉ ही यही है, जिसे संविधान से मान्यता प्राप्त है.