केंद्र सरकार की काला कृषि क़ानून के खिलाफ राजभवन पर आयोजित किसान पड़ाव आज चौथे दिन भी जारी रहा. आज गिरिडीह रामगढ़ और रांची के किसान पड़ाव में शामिल हुए। अडानी अम्बानी की जागीर नहीं पूरा हिंदुस्तान हमारा है कि जोरदार नारों से पड़ाव कि शुरुआत हुई. किसान पड़ाव को संबोधित करते हुए जनार्दन प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार अडानी- अंबानी को खुश करने के लिए लगातार किसानों और मजदूरों के खिलाफ फैसले ले रही है. कृषि और श्रम क़ानून में सुधार इसके ताजा उदाहरण हैं. इससे कम्पनियां तो मालामाल होगी लेकिन किसान मजदूर गुलामों की तरह बदतर ज़िन्दगी जीने को विवश होंगे. देश के इतिहास में केंद्र की मोदी सरकार किसान-मजदूरों के साथ गद्दारी के लिए जानी जाएगी. किसान संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक सुफल महतो ने कहा कि कृषि सुधार के नाम पर लाई गयी कृषि क़ानून किसानों के लिए मौत का फरमान है. अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पूरन महतो ने कहा कि इस आन्दोलन में 80 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है. सरकार किसानों के पक्ष में फैसले लेने के बजाए किसान आन्दोलन्कारियों पर दमन ढा रही है. जब जब भी किसानो का आंदोलन हुआ है, सरकारें झुकी है, और किसान जीता है इस बार भी किसानों की शहादत बेकार नहीं जायेगी. किसान की यह लड़ाई सिर्फ किसानों की नहीं बल्कि पूरे देश को बचाने की लड़ाई है देश में मोदी जी का नहीं बल्कि कोरपोरेट कंपनियों का राज कायम है. किसान पड़ाव को , सीटू के प्रदेश सचिव प्रकाश विप्लोव , एक्टू के भूवनेश्वर केवट किसान नेता सुरजीत सिन्हा, प्रफुल्ल लिंडा, सुशांतो मुखर्जी,नागेश्वर महतो, आयती तिर्की, रंगोवती देवी,मुस्तकीम अंसारी,हीरालाल महतो , भुनेश्वर बेदिया जयनंदन गोप समेत कई नेताओं ने सम्बंधित किया।