बिरसा मुंडा के शहादत दिवस पर चांडिल डैम विस्थापितों ने अधीक्षक अभियंता के समक्ष एकदिवसीय धरना दिया और धरना के माध्यम से निम्न मांगे रखी.
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चांडिल डैम को पूरा किया जाए।
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विस्थापितों को तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग में नियुक्त किया जाय एवं राज्य सरकार के विभिन्न नौकरियों में 50 प्रतिशत आरक्षण मिले।
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विकास पुस्तिका की अबधि विस्तार नहीं कर जमीन का खतियान जैसी सुविधा मिले।
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सभी विस्थापितों को कृतज्ञता पैकेज दिया जाय।
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नर्मदा बांध विस्थापितों के अनुसार पुनर्वास पैकेज 60 लाख बढ़ाया जाए।
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मत्स्य पालन एवं पर्यटन उद्द्योग को संचालन हेतु सीधे विस्थापित समूह को दिया जाय, जो पुनर्वास नीति में उल्लेख है।
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मत्स्य पालन एवं पर्यटन का संचालन पुनर्वास कार्यालय से किया जाय एवं समिति के कार्य स्थल में बिजली पानी की व्यवस्था की जाय।
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सभी पुनर्वास स्थल में पानी,सड़क बिजली स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराया जाय।
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पुनर्वास स्थल में कुटीर उद्योग लगाया जाए।
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पुनर्वास स्थल में बसे लोगों की जमीन का रजिस्ट्रेशन कराया जाय।
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बाकी विकास पुस्तिका दिया जाय और प्रेत्यक पुनर्वास स्थल को सीमांकन किया जाय।
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पुनर्वास कार्यलय में पूर्ण रूप से बैठने वाला पुनर्वास पदाधिकारी दिया जाय।
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डूब क्षेत्र के बाहर जमीन की सिंचाई हेतु लिफ्ट एरिगेशन लगाया जाए।