12 जून को दिन में. गांव से महज 100 गज की दूरी. घर और खेत, नदी फिर जंगल है, जहाँ ब्रह्मदेव सिंह अपने साथियों के साथ शिकार के लिए निकले और पुलिस व सुरक्षा बलों की गोली के शिकार हो गये. अनुमान है, पुलिस पहले ही वहाँ छिप कर बैठी थी किसी घटना को अनजाम देने के लिए. प्रचारित यह किया गया कि ब्रह्मदेव सिंह नक्सली था.
पांच युवक ब्रह्मदेव के साथ थ.ें सभी जंगल के किनारे- किनारे जा रहें थे कि सेना की तरफ से गोलियां चलने लगी. ब्रह्मदेव सिंह को घुटना में गोली लगी. सभी युवा डर गये. गोली की आवाज से परिवार के सभी लोग खेत के पास आ गये. खेत धुआं- धुआं हो गया था. डर कर बाकी युवाओं ने हाथ उठाकर कहा- हम जनता हैं. पुलिस ने उन युवाओं को वहाँ से भागने को कहा. सभी सामने वाले के घर में छुप गये. पर घटना स्थल पर ब्रहमदेव सिंह की चाची आ कर सेना को बोलकर दबाव दे रहीं है- हमारे बच्चे की ह्त्या किए हो. सेना उसकी चाची को गंदी गाली देकर भगाने लगे और कुछ सेना के जवान ब्रह्मदेव सिंह के एक पैर एक हाथ को पकड़ कर यानि झूलाते हुए नदी के दूसरे छोर ले जा रहे थे. उस वक्त वो छटपटा रहा था जीवत था. सूत्रों के अनुसार नदी के दूसरे छोर ले जाकर तीन गोलियां और मारी गयी. जिसकी आवाज पूरा पिरी गांव के लोगों ने सुना. ब्रह्मदेव सिंह की जब पूरी तरीके से मौत हो गयी, सेना उसके कपड़े खोलकर दूसरा कपउ़ा पहनाने लगी, जो उन लोगों के बैग में था. ब्रह्मदेव सिंह की चाची यह देख विरोध करने लगी,ं तब सेना के जवान लोगों को भगाने लगे. बंदूक दिखा कर हत्या कर देने की धमकी देने लगे. लोग भागकर घर घुस गये. सेना घर घर जाकर छापामारी करने लगी.
पुलिस पोस्मार्टम करने के क्रम में गांव के युवाओं को थाना ले गये थी. सभी युवाओं से 9-10 काजग पर हस्ताक्षर कराया गया. उन युवाओं को हस्ताक्षर करने के पहले कागज में क्या लिखा है, पढकर सहमति लेकर नहीं बताया या समझाया गया.
पोस्टमार्टम के बाद ब्रहमादेव सिंह की लाश परिवार के लोगों को सौपते हुए हिदायत दिया गया कि लाश को जला देना. चूकि लाश मिलने तक शाम और अंधेरा हो गया था और बारिश भी हो रहा था तथा गंगाईखंडा में आने जाने का साधन नहीं है, इसलिए उन्हें नजदीक मसना पर दफन कर दिया गया.
दफन के समय ब्रह्मादेव सिंह की पत्नी जीरामनी सिंह को 10 हजार रूपया सेना की ओर से दिया गया. दफन होने के दूसरे दिन प्रशासन 20 हजार रूपये भोज करने के लिए दिये और वादा कर के गयी कि पत्नी को नौकरी देंगे.