(1)

रो मां, रो!

नहीं तो तेरे बच्चों का दर्द

मेरे देशवासियों के सीने में

बैठ जाएगा!

(2)

लाखों हाथों में

काम की भूख

लाखों पेटों में भूख की आग

और हर दिल में

गुस्से की आग

जंगल की आग सारी पहाड़ियों में!

(3)

हाथ

सिर्फ जोड़ने केलिए नहीं,

हाथ

गर्दन को मरोड़ने के लिए भी होता है

सिर्फ श्रम के लिए नहीं,

लुटेरों के हाथों को

तोड़ने के लिए भी होता है…