सारंडा में कौन लोग हाथ जोड़ा रहे हैं

ए दादा सलय सलय..

नेतरहाट के पाट पर कौन लोग आग जला रहे हैं

ए दीदी लसय लसय..

डोम्बारी पहाड़ पर कौन लोग तीर चमका रहे हैं

ए संगी रियो रियो..

बीरु दिसुम देश में कौन नाच रहे हैं

ए सांगो धिरोम धिरोम..

धिरोम धिरोम..अनि चोनानिंड़ धिरोम धिरोम..

सारंडा जंगल में जुट रहे हैं पुरखा लड़ाके

ए संगी सलय सलय

पाट पर लोहा बना रहे हैं पुरखा लड़ाके

ए संगी लसय लसय..

डोम्बारी पहाड़ पर तीर चमका रहे हैं पुरखा लड़ाके

ए संगी रियो रियो..

बीरु दिसुम में नाच रहे हैं पुरखा लड़ाके

ए सांगो धिरोम धिरोम..

धिरोम धिरोम..अनि चोनानिंड़ धिरोम धिरोम..

हां, हमारे भी हाथ जुड़ रहे हैं

सारंडा जंगल में ए दादा सलय सलय..

हां, हम सुन रहे हैं लोहे का गीत

नेतरहाट के पाट पर ए दीदी लसय लसय..

हां, हम सब भी कमान तान रहे हैं

डोम्बारी पहाड़ पर ए संगी रियो रियो..

हां, हमारे पैर भी थिरक रहे हैं

बीरु दिसुम में ए संगो धिरोम धिरोम..

धिरोम धिरोम..अनि चोनानिंड़ धिरोम धिरोम..

तेलंगा खड़िया: सिगिल ए सांगो धिरोम धिरोम..

ए सांगो धिरोम धिरोम..

अनि चोनानिंड़ धिरोम धिरोम..