मांझी गनी : बोनीफेस लकड़ा और राजन तिर्की आदिवासी एकता की खूब बात कर रहें हैं, इनसे और हमारे आदिवासी भाइयों से चंद सवाल :
- आदिवासी एकता क्यों चाहिए?
- आपलोगों को क्यों लगता है की आदिवासियों में एकता नहीं है?
- अगर एकता नहीं है तो कौन से बाधक तत्व हैं?
- अगर एकता नहीं है और एकता लायी जा सकती है तो एकता का आधारभूत प्रिंसिपल (सिद्धांत) क्या है?
- अगर एकता नहीं है, तो पहले थी क्या?
- अगर पहले एकता थी तो टूटी कैसे, किसने तोड़ा, क्यों तोड़ा?
- क्या एकता बिना सिद्धांत के हवा में संभव है?
- जब सिद्धांत की बात आती है तो कौन ऐसा सिद्धांत है जो एकता ला सकता है?
- अगर पहले एकता थी तो ऐसे कौन से सिद्धांत थे जो आदिवासियों को बंधे रखा?
- अगर कोई सिद्धांत आदिवासियों को बाँध सकता है तो कौन बताएगा वो सिद्धांत?
- आदिवासी समाज की प्रजातान्त्रिक व्यवस्था और प्रशासनिक व्यवस्था क्या है?
- आदिवासी समाज में विभिन्न वस्तुस्थितियों का निर्णयकर्ता कौन है?
गनी मांझी के इस पोस्ट पर दस टिप्पणियां आई, माकूल जवाब नहीं. लेकिन इस सवाल का जवाब आना चाहिए, वरना आदिवासी एकता की तमाम बातें निर्रथक होकर रह जायेंगी.