यह आश्चर्यजनक है कि जब विश्व स्वास्थ संगठन ने कोरोना को ग्लोबल हेल्थ एमरजेंसी घोषित कर दिया था तो हजारों देशी विदेशी तबलीगी प्रतिनिधियों को दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीबी जमात के मुख्यालय में आयोजित 8-13 के कार्यक्रम में भाग लेने की इजाजत कैसे दे दी गयी? विदेशों से आने वाले सैकड़ों प्रतिनिधियों को विदेश मंत्रालय ने बीजा कैसे दे दिया?

टाईम्स आफ इंडिया ने झारखंड सरकार के स्वास्थ सचिव नितिन मदन कुलकर्णी के हवाले से यह खबर दी है कि चार दिन पहले 22 वर्षीय एक मलेशियायी महिला के संक्रमित पाये जाने के बाद सौ से भी अधिक लोगों को स्वास्थ विभाग ने क्वारेंटाईन में रखा था और उनमें से 46 के ब्लड सैंपुल जांच के लिए भेजे गये थे. उन 46 में से सिर्फ एक मलेशियायी युवती को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है. दरअसल, उस मलेशियायी युवती ने दिल्ली में आयोजित तबलीगी जमात के कार्यक्रम में भाग लिया था और वहां से 16 अन्य विदेशी प्रतिनिधियों के साथ रांची आ गयी थी और हिंदपीढ़ी के एक मस्जिद में ठहरी हुई थी. उन विदेशी प्रतिनिधियों के साथ पांच भारतीय गाईड भी थे. उन सबों को वहां से हटा कर खेलगांव स्थित क्वारेंटाईन सेंटर में रखा गया था.

स्वास्थ सचिव नितीन मदन कुलकर्णी के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 22 लोगों की एक सूचि झारखंड सरकार को भेजी थी जिनके बारे में जानकारी दी गयी थी कि वे लोग तबलीगी जमायत के कार्यक्रम में भाग लेने के बाद रांची पहुंचे हैं और यहां हिंदपीढ़ी के एक मस्जिद में पनाह लिये हुए हैं. उन्हें 29 मार्च को वहां से बरामद किया गया और उन्हें खेलगांव स्थित कारेंटाईन सेंटर में भेज दिया गया. और जब जांच के क्रम में मलेशियायी महिला को कोरोना वायरस पाजिटीव पाया गया तो राज्य भर के 46 ऐसे लोगों को खोज निकाला गया जिन्होंने तबलीगी जमात ग्रुप के कार्यक्रम में भाग लिया था या वहां के लोगों के संपर्क में आये थे. इनमें रांची स्थित हिंदपीढ़ी के मस्जिद से निकाले गये 22 सदस्य भी शामिल थे.

उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों से तबलीगी जमात और उनसे होने वाले संक्रमण की बात देशव्यापी चर्चा में है. गृहमंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश में आज की तारीख तक कोरोना वायरस से संक्रमित कुल 3072 लोगों में से 1026 या तो जमात के सदस्य हैं या उनके संपर्क में आये हैं. यानी, कुल संक्रमित मामलों में से 30 फीसदी मामले तबलीगी जमात की वजह से हैं. यह आश्चर्यजनक है कि जब विश्व स्वास्थ संगठन ने कोरोना को ग्लोबल हेल्थ एमरजेंसी घोषित कर दिया था तो हजारों देशी विदेशी तबलीगी प्रतिनिधियों को दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीबी जमात के मुख्यालय में आयोजित 8-13 के कार्यक्रम में भाग लेने की इजाजत कैसे दे दी गयी? विदेशों से आने वाले सैकड़ों प्रतिनिधियों को विदेश मंत्रालय ने बीजा कैसे दे दिया?

इस पूरे प्रकरण में हुई लापरवाही की जांच होनी चाहिए.