अभी हाल में ही हुई घटना के बाद जैसे ही अभिनेत्री ज़ायरा वसीम ने एक वीडियो के माध्यम से अपनी आप-बीती सुनाई, वैसे ही हमारे यहाँ के कुछ लोगो का हर बार की तरह बकवास सुनाना शुरू हो गया, जिसमे पुरुष तो होते ही है साथ मे महिलाएं भी। वो महिलाएं जो आये दिन खुद भी ऐसी ही घटनाओं का शिकार होती हैं। इस बात को कतई नही झुठलाया जा सकता कि ऐसा नही होता या कभी किसी लड़की के साथ पब्लिक प्लेस पर कोई छेड़छाड़ की घटना नहीं होती। तब भी इतना विरोध करने और लड़की को ही गलत ठहराने की क्या आवश्यकता!

हमेशा की तरह ऐसे किसी भी घटना के बाद तीन लोग सामने आए. पहली तो वो लड़की, यानी जायरा वसीम. दूसरा वो छेड़छाड़ का आरोपी और तीसरे हमारे समाज के वो अंतर्यामी लोग जो न तो पीड़िता को सही से जानते हैं ना ही आरोपी को. और ना ही उस जगह होते भी हैं, पर जानते सब कुछ हैं। जिन्हें भगवान से कुछ ऐसी शक्तियां मिली है जो वो देखते ही सब जान लेते हैं। जो एकदम ही बता देते हैं कि ये सब कुछ सिर्फ और सिर्फ पब्लिसिटी या लड़की अपने फायदे के लिए कर रही है। और अफसोस ऐसे लोगो मे खुद महिलाये भी होती हैं। लोग ऐसे करने लगे जैसे वो जाने किस राम राज में रह रहे है जहाँ कभी न तो ऐसी घटना घटी है और ना ही कोई ऐसा कभी कर सकता है, जैसा कि जायरा आरोप लगा रही है।

ऐसे लोग जो इस घटना के बाद ये कह रहे हैं कि ये सब सिर्फ एक पब्लिसिटी स्टंट है, वो अपने आस पास इस कथित” सभ्य समाज” में रोज़ क्या देखते हैं? लड़कियों के साथ होती छेड़छाड़ की घटनाएं या लड़कियों का पब्लिसिटी के लिए खुद को बदनाम करवाना? ये लोग न्यूजपेपर में रोज़ क्या ज्यादा पढ़ते हैं? लड़कियों पर होते क्राइम या लड़कियों द्वारा किये गए क्राइम! वो लोग ऐसी कितनी लड़कियों से मिले हैं, जिन्होंने अपने फायदे के लिए किसी पर झूठे इल्ज़ाम लगाए हो?

और जो लोग ये तर्क दे रहे है कि अगर कुछ हुआ होता तो तभी क्यों नही कुछ किया या तभी कुछ कहती, तो इसका मतलब अब लोग बताएंगे कि कब कहना है कब नहीं? और अगर वो उस टाइम नही बोली तो वो लड़की खुद ही गलत हो गयी? जैसे अगर वो उस टाइम बोल देती तो ये लोग उस आरोपी को फांसी पर ही चढ़ा देते। तब भी ये यही सब बकवास करते जैसे अभी कर रहे है. तब भी कुछ अलग नहीं होता।

वैसे तो लड़कियां खुद ही ऐसी घटनाओं को छिपाती रहती हैं और अगर कहती हैं तो लोग उनका मजाक उड़ाने और उनको ही झूठा साबित करने में लग जाते हैं. वो भी उस देश मे जहाँ रेप की खबरें तक आम बात हो गयी है। फिर जब तक कुछ प्रूफ नही होता क्यों लोग उसका बचाव करने में लगे है, बेवजह तो कोई इल्ज़ाम नही लगाता कुछ तो हुआ ही होगा?

उस आरोपी की बीवी की तो मजबूरी है अपने पति को निर्दोष बताने की, क्योंकि हमारे भारतीय समाज मे तो पत्नी से यही उम्मीद की जाती है कि पत्नी अपने पति का मरते दम तक साथ निभाये चाहे वो कितना ही बुरा क्यों ना हो। हमारे देश मे तो रेपिस्ट की पत्नी आरोप सिद्ध होने के बाद भी ये मानने को तैयार नही होती कि उसके पति ने कुछ गलती की है। तो इस आरोपी की पत्नी का बचाव तो तब भी जायज़ है, भले ही वो सब सच जानती हो। लेकिन जो बेवजह उस आरोपी के बचाव में आ रहे हैं, चाहे वो सोशल मीडिया पर सामान्य लोग हों या कुछ एक्ट्रेस ही, वो अपना काम करें. बेकार में अपनी इमेज न खराब करे ये सब बकवास कर के।

बिना आग धुंआ नहीं उठता, तो ऐसा तो नही है कि कुछ हुआ ही नही और ज़ायरा वसीम सब झूठ बोल रही है या ये सब वो पब्लिसिटी के लिए कर रही है, जबकि ज़ायरा तो पहले से ही पॉपुलर है। बात तो हुई है, कितनी बात है ये वो खुद जानती है और उसको कितना बुरा लगा ये उसके खुद के ऊपर है। वो खुद डिसाइड करेगी कि क्या रिएक्शन करना है और कब करना है, विक्टिम वो है बाकी नहीं। तो बाकी लोग जिनका इससे कुछ नही लेना देना कृपया बन्द करें अपनी बकवास और अपनी घटिया सोच का प्रदर्शन।