आपके पास कोई उपाय है? कोई उपाय जिनके पास नहीं, वही लोग आरएसएस की समीक्षा, उसके प्रमुख की एक एक बातों का अर्थ बताने, उसके इतिहास की खुदाई करने का जग जाहिर काम करते हैं.

व्यंग नहीं कर रहा. मुझे शिद्दत से लगता है.

हम आरएसएस के बारे में जिस तरह बात करते हैं, उसमे से आरएसएस के खिलाफ कोई युक्ति नहीं निकलती है. पर यह भी नहीं कि आरएसएस के प्रति सॉफ्ट रहना भी उसके खिलाफ युक्ति हो सकती है.

मेरी यह बात लम्बी समीक्षा का तकाजा रखता है. पर तब आप मे से ज्यादातर लोग, इसे नजरअंदाज करेंगे.

आरएसएस ने अपने गलत सही के मिश्रण से लम्बी योजना से काम करने, संगठन बनाने से, अपने अनुसंगिक की बदौलत, आम जनता के खासे हिस्से को अपना सहयोगी बनाया है.

जब आरएसएस खेमे ने भारत माता की जय बोलने के लिए ‘हुंडलीस्म’ की संकरी गलियां बनाई, तब हम इसमें उलझ गए.

असदुद्दीन ओबेसी ने इसका गलत जवाब दिया कि अल्ला मियां के अलावे, मुसलमान किसी की जय नही बोलता.

मेरा इस पर कहना है-

मुसलमान पाकिस्तान जिंदाबाद बोलता है. हिंदुस्तान जिंदाबाद बोलता है. सभी, खिलाडी, राष्ट्र नायक, एक दूसरे के नेशनल गीत पर खड़े होते हैं.

हमारा काम ओबेसी जैसों के तर्कों की मर्यादा, उसके झूठ को उजागर करने, साथ ही, आरएसएस अनुसंगिक के जयकारों से पूछने का होना चाहिए था. ‘तुम्हारे कहने पर हम ‘भारत माता की जय’ क्यों बोलें? ओबेसी, तुम्हारे कहने पर हम जय ना बोलें क्यों? तुम्हारे साथ अँधेरी गालिओ का रुख क्यों करें भला.

शाहीन बाग की दादी नानीयों, से हमें सीखना था. उन्होंने भगत सिंह, अम्बेडकर, महात्मा गाँधी को एक साथ पोर्टेट किया.

वन्देमातरम, जय हिन्द, भारत माता की जयकार की, तब तख्त और ताज भी उछले.

काम्युनिस्ट पार्टी के लोगों ने भी देश के 2,000 शाहीन बाग केंद्र मे से, कई में सभा के सूत्रधार की भूमिका निभाई. अम्बेडकर के लोग भी, गाँधी के तस्वीर के साथ आये.

’भारत की सनातन परंपराओं में अनुकरणीय जो हैं’ उनके साथ जाइएगा, तब ही आप आरएसएस का करारा जवाब दे रहे होइएगा. तब आरएसएस की सांस टंग जाएगी. उसे तो सनातन को डिस्टॉर्ट करने, नव हिंदुत्व मे दिलचस्पी है.

सनातन मंे जो बुरी परंपरा होगी, जैसे जातिवाद का कोढ़, उसका प्रभावशाली तर्क से विरोध कीजिये. आरएसएस कठघड़े मे आ जायेगा.

स्वयं सिद्ध नही हैं मेरा यह सब तर्क. इन बातों का विस्तार दे सकता हूँ, आपके पूछने पर स्पस्टीकरण दे सकता हूँ.

अधूरा ही ही सही, शुरुआत मैंने कर दिया.