24 मई को जमशेदपुर तथा इसके इर्द गिर्द ग्रामीण क्षेत्र में हुई घटनाओं पर विभन्न संगठन तथा समुदाय के प्रतिनिधियों की एक व्यापक बैठक हुई जिसमें महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये.
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घटना के कारण तथा गांव के संवेदनशील व्यक्तियों के पास अपनी जांच रिपोर्ट रखना.
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ग्रामीण एवं शहर के प्रबुद्ध नागरिकों का संयुक्त सम्मेलन 4 जून को जमशेदपुर में किया जाएगा.
उपस्थित प्रतिनिधियों ने कहा कि कुछ दिनों से निर्दोष व्यक्तियों पर बच्चा चोरी के नामपर हमले किये जा रहे है. सरकार तथा प्रशासन उस समय मामले को गंभीरता से लेती तो यह स्थिति नहीं आती. जनता को सचेतनशील बनने का निर्णय लिया गया. धार्मिक एवं जातीय उन्माद से ऊपर उठने की अपील की गयी. सभी लोगों ने निर्दोष व्यक्तियों की हत्या की निंदा की तथा दोषी लोगों पर कार्रवाई करने की मांग की.
प्रशासन पर आरोप लगाया गया कि सरकार के दवाब में प्रशासन असामाजिक तत्वों पर कार्रवाही नहीं करती, जिससे उनका मनोबल बढ़ता है. इसका लाभ अवसरवादी एवं अराजक तत्व उठाते हैं. प्रशासन को गांव तथा शहर में निर्दोष लोगों को परेशान नहीं करना चाहिए, जो हो रहा है.
बैठक में उलस्थित थे कुमार चंद्र मार्डी, हरीश सिंह सरदार, सुदर्शन सरदार, जय सिंह सरदार (सभी गांव गणराज्य परिषद से),डॉ राम कविन्दर(नव जनवादी लोकमकंच),सुमित राय(एसयूसीआई कम्युनिस्ट),मदन मोहन (झारखंड मुक्ति वाहिनी), दीपक रंजीत (छात्र युवा संघर्ष वाहिनी) पुरुषोत्तम माहातो, इससीआई के मजदूर नेता बुद्धिजीवी एस के आनंद, उजागिर यादव,अशोक आदि. उपरोक्त जानकारी सीपीआईएम प्रवक्ता शियासरण द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में दी गई है.