दिनांक 19 मई की सुबह 4:30 बजे शेख सलीम के फोन की घंटी बजती है। वह फोन कॉल उसके भाई शेख हलीम का था। हलीम बोलता है “शोभापुर गांव में ग्रामीणों ने मुझे मोहम्मद सेराज, मोहम्मद सज्जाद और मोहम्मद नईम को बच्चा चोरी के अफवाह में कारण घेर के रखा है, अपना सोर्स पैरवी लगाओ, हमे यहां से बचाओ।

सलीम बताते है उनसे उनके भाई के साथ आखरी बातचीत सुबह के 8:30 में हुई थी। उसके बाद से उसका फोन बंद बताने लगा। सलीम भाई के पास जाने का तैयारी करने लगा। लोगों को इकट्ठा करने लगा। बातचीत के लिए मुखिया (हल्दीपोख) के पास गया। मुखिया पहले से परेशान था। घटना स्थल का पल पल का खबर ले रहा था। मुखिया ने सलीम को को जाने से रोकने के लहजे में बोला मेरे पास घटना का सारा रिपोर्ट है। अभी यदि तुम वहां जाओगे तो मामला हिन्दू मुस्लिम का हो जाएगा। पूरा शहर जल जाएगा। इसलिए सब्र रखो पुलिस वहां मौजूद है. किसी को कुछ नहीं होगा। ज्ञात हो कि हल्दीपोखर मुस्लिम बहुल इलाका होने के कारण वहां का मुखिया भी मुसलमान है।

मृतक हलीम के भाई सलीम बताते है कि उनके भाई को लोगों ने दिनके 10:30 तक जिंदा देख था। इसके बाद हलीम की लाश दूसरे दिन पास के पहाड़ी पर मिलता है। हल्दीपोखर पंचायत (पश्चिमी) के मुखीया सैयद जबीउल्ला ने बताया कि मृतक मोहम्मद नईम जो कि जानवरों का व्यापारी था, उन्हें खबर मिला था कि जानवर चोरी कर ले जाने जाने वाली गाड़ी ओडिसा से आता है और जानवरों को लेकर रातों रात चला जाता है. उन्ही को पकड़ने के लिए मृतक नईम, सेराज, सज्जाद और हलीम इंडिका कार से राजनगर की और आये थे. हालांकि शोभापुर के मुर्तजा अंसारी ने बताया कि मृतक मोहम्मद जो कि उनके रिश्ते में साढू भाई लगता है, वे भोर के करीब 4 बजे के आसपास उनके घर आया और जमशेदपुर जाने कि बात कर रहे थे। उन्हें बैठने के लिए बोल मुर्तजा अंसारी नमाज पढ़ने के लिए चला गया। वापस आया तो देखा कि घर के पास लगभग 100 लोग इकट्ठा थे। पूछा तो बताया कि वे बच्चा चोर को पकड़ने आये हैं, जो कि आपके घर मे छुपा हुआ है। मुर्तजा अंसारी ने बताया कि वे लोग मेरे साढू भाई है। आप लोग पागल हो गए हो क्या? भीड़ को समझाने बुझाने के बाद लोग चले गए।

कुछ देर के बाद वे दुबारा आये. अब भीड़ 1000 - 2000 की संख्या में थी। भीड़ के रैवये को देखते हुए मुर्तजा अंसारी ने राजनगर थाना में फोन किया। सुबह करीब 6 बजे के आसपास राजनगर थाना प्रभारी आया। भीड़ तबतक उग्र हो गयी थी। पुलिस ने भीड़ के आगे अपने आपको असमर्थत देखते हुए जिला मुख्यालय में फोन किया। पुलिस की असमर्थता को देखते हुए भीड़ ओर ज्याद उग्र हो गयी. राजनगर थाना प्रभारी के सामने ही मोहम्मद नईम को बेहरमी से धीरे-धीरे बातचीत करते हुए मार दिया।

नईम बार—बार लोगों से हाथ जोड़कर निवेदन कर रहा था कि मैं बच्चा चोर नहीं हूं. आपलोग तो मुझे जानते हो. मृतक नईम जबतक जिंदा रहा जिंदगी का भीख मांगता रहा. और लोग उन्हें तबतक मारते रहे जब इंसानियत मर न गई।

उन्हें मरता देख हलीम, सेराज और सज्जाद शोभापुर से भाग निकला। नईम शोभापुर में ही मारा गया। शेख हलीम का शव शोभापुर के पास के जंगलों में मिला। मोहम्मद सज्जाद और सिराज का शव पदनामसाई (यह गांव शोभापुर से 10 किमी के दूरी पर स्थित है) में मिला।

सलीम ने बताया कि उनके भाई हलीम ने उन्हें बताया था कि जब वे लोग डांडू गांव पार कर रहे थे तब गांव के लोग लाठी डंडा लेकर खड़े थे। पास पहुचते ही हाथ दिया। हलीम ने बताया कि डर के कारण वे रुके नहीं, गाड़ी तेज गति से भगा कर शोभापुर में आकर रुक गया। मुर्तजा अंसारी ने बताया कि सुबह के 7 बने तक सीओ, बीडीयो एवं अन्य प्रशानिक पदाधिकार शोभापुर गांव में पहुँच गए थे।

शोभापुर पदमासाई की घटना थी 19 के सुबह की और इसके थी 12 घटा पहले, यानी 18 मई की शाम को नागाडीह (जमशेदपुर से सटा हुआ है) में बच्चा चोरी के अफवाह में जुगसलाई के 3 लोगों का हत्या हो गयी। 18 मई के शाम के करीब 8:30 उत्तम वर्मा और विकास वर्मा नागाडीह गया था।

जब लोग विकास को पकड़ कर गांव वाले मारने लगे थे तब उत्तम वर्मा भाग गया था. उनके अनुसार जैसे हम वहां पहुँचे गांव के लोग पहले से ही बाहर खड़े थे । सामने जाते ही हमे रोक लिया। पूछताछ स्टार्ट हो गयी। पीछे से लोग बोल रहे थे बच्चा चोर है। मारो मारो। हमने बताया कि हम जुगसलाई के रहने वाले हैं। और मेरे मुंह से निकल गया कि हमलोग यहां जमीन खरीदना चाहते है सो देखने के लिए आये हैं। इतने में लोगों का गुस्सा ओर ज्यादा भड़क गया। वे हमसे आईडी मागने लगे। आईडी न होने पर घर से मंगाने को बोले। मामला क्या है, कुछ समझ नहीं आ रहा था। किसी तरह मैं वहां से भाग निकला। आईडी देकर भाई गौतम वर्मा और दादी के साथ दोस्त गणेश गुप्ता को नागाडीह भेजा।

गौतम वर्मा , उत्तम वर्मा और विकास वर्मा तीनो सगे भाई है। विकास और गौतम ने कुछ दिन पहले ही विकास सैप्टिक टैंक के नाम से कम जगह और खर्च में किफायती शौचालय बनाने का काम स्टार्ट किया था। हो सकता है इस इलाके में पहले से सरकारी शौचालय का काम करने वालों को यह राश न आया हो और इसलिए वे विकास को पकड़ लिये हों। यह उत्तम की समझ है।

गणेश गुप्ता और गौतम वर्मा की दादी भी घटना स्थल पर गयी। लोगों को आईडी दिखाया। आगे के कुछ लोग शांत हो गए। परन्तु अभी भी कुछ लोग बच्चा चोर की रट लगाये हुए थे। पुलिस ने मौका देखकर सबको जीप में बैठाने लगे। दो जन बैठ गये. तीसरा बैठने वाला था। जीप को चारो तरफ से भीड़ ने घेर रखा था। अब तीसरा लड़का अपने से गिर गया या तो फिर किसी ने उसे धक्का दे दिया, यह तो नहीं बता सकते। लेकिन वह गिर गया. फिर क्या था बाकी दोनों को भी जीप से निकाल कर मारने लगे। दो पोता और उसके एक दोस्त को भीड़ पुलिस की मौजूदगी में मारती रही। उसकी बूढ़ी दादी यह नजारा अपने आंखों से देख रही थी। लोगों से हाथ जोकर बिनती कर रही थी कि ये लोग बच्चा चोर नहीं हैं। मेरे पौते हैं। इन्हें छोड़ दो। लेकिन भीड़ किसकी सुनती है। भीड़ उन्माद में थी. पुलिस सरेंडर के मुद्रा में थी। लोगों ने तीनों को पुलिस के सामने लाठी डंडे के कूच कूच कर मार डाला। यह जानकारी नागाडीह के एक सज्जन ने अपने नाम को न बताने के शर्त पर हमें दिया।

इस घटना के ठीक 7 दिन पहले यानी 11 मई को जादुगुड़ा के असोनबोनि तालाब के पास बच्चा चोरी का आरोप लगाकर मोहम्मद असीम को मार डाला गया था. बताया जाता है कि मोहम्मद असीम और उसके साथ और 8-9 लोग मुर्सिदाबाद से जादुगोड़ा में मजदूरी का काम करने आए थे. जादुगुड़ा के ही कुशल सोरेन ने बताया कि जादूगोड़ा क्षेत्र में जितना भी शौचालय का काम हुआ, सब काम मुर्सिदावाद के लोगों ने किया है. लोग जब मुखिया साहब से पूछते थे तो बताता था कि यह लोग इसी क्षेत्र के हैं, लेकिन दूसरे पंचायत के हैं. बाद में लोगों को पता चल गया कि वे लोग मुर्सिदाबाद के है.

इस घटना के ठीक एक दिन पहले यानि 10 मई को जादुगुड़ा के पास में एक विक्षिप्त व्यक्ति, जिसके नाम को लेकर लोग एकमत नहीं है, के बारे में हमें जो लोगों ने उनका नाम बताया वह है रीफिल टुडू. कहाँ के हैं, इस सम्बन्ध में किसी को नहीं पता है. गांव वालो का आरोप था कि वह व्यक्ति गांव के बच्चों से नजदीकी रेलवे स्टेशन का पता पूछने के बहाने उसे अपने साथ ले जा रहा था. गांव वालों ने उसे इतना मारा कि अगले दिन उसकी मौत हॉस्पिटल में हो गयी.

यह घटना बच्चा चोरी के अफवाह में हुई हत्या की पहली घटना थी.

अफवाह कहा से फैला? बच्चा चोरी की अफवाह में जब 10 दिनों के अन्दर 9 हत्याए हो गई, तब जाकर जिला प्रशासन की नींद खुली और सोशल मीडिया को खंगालना स्टार्ट क्या. तब पता चला कि सौरव कुमार नाम का युवक, जो कि जादुगुडा का रहने वाला है, उसने अपने फेसबुक में के पोस्ट लिखा और जादूगोड़ा के लोगों को अपने बच्चों को कही भी अकेला न छोड़ने का लिए आगाह किया. साथ ही लिखा कि किस डेट को कहाँ कहाँ बच्चा चोरी का घटना हुई. इसके बाद इस पोस्ट में और 40 जन को टैग कर दिया.

इसके बाद इस पोस्ट को जिनको टैग किया था, उनमे से एक सुशील अग्रवाल, जो 4 महीने पहले तक दैनिक जागरण अख़बार के लिए जादुगोड़ा के लिए रिपोर्टिंग भी करता था, ईटा गिट्टी बालू और पत्थर की सप्लाई के साथ-साथ वह श्री श्री हनुमान अखाडा समिति का लाइसेंसी भी है. इन्होने इस मैसेज को थोडा एडिट किया और वाटृसएप पर लोगों को भेज दिया. इस मैसेज को बिनोद केसरी नामक एक पत्रकार, जो कि न्यूज़ रफ़्तार कोल्हान नाम से वाटृसएप पर 40 ग्रुप बना के रखा है. हर ग्रुप में अलग अलग केटोगेरी के लोगों को रखा है. किसी में नेता को, किसी में अधिकारी को, तो किसी में पत्रकार लोगों को. तो इस तरह से मैसेज एक साथ सभी तरह के लोगों के पास पहुँच गया.

इनके कांटेक्ट लिस्ट में ज्यादातर लोग जादुगोड़ा, घाटशिला, पोटका, गालूडीह, हाता, हल्दिपोखर, करनडीह व बागबेड़ा तरफ के ज्यादातर लोग है. मैसेज के फैलते ही लोगों में डर और असुरक्षा की भावना जागी. इसी के कारण लोग रात्रि जागरण करने लगे. हर अंजान व्यक्ति को टोकने लगे. संतोषजनक जवाब न मिलने पर मारा – पिटी किया जाने लगा.

जैसे 2 मई को जादूगोड़ा के यूसिल बराज के पास जॉन एंथोनी नाम के व्यक्ति को पीटा गया। 12 मई को घाटशिला थाना क्षेत्र के बाशिदा गांव में बिहार के रहने वाले एक व्यक्ति की पिटाई की गई। इसी दिन गालूडीह थाना क्षेत्र की बड़ाकुर्शी पंचायत के घुटिया गांव में बच्चा चोर समझ कर अज्ञात व्यक्त को बुरी तरह पीटा गया। इसी महीने 13 मई को जादुगोड़ा के भाटिन गांव में दिव्यांग भोला गोप की पिटाई की गई। ठीक उसी दिन घाटशिला थाना क्षेत्र के काशिदा में बच्चा चोर के संदेह में सलमान मियां की पिटाई की गई। इसके एक दिन बाद 14 मई को जादुगोड़ा थाना क्षेत्र के माटीगोड़ा क्षेत्र में विक्षिप्त महिला को बच्चा चोरी के आरोप में पीटा गया। उसी दिन सुंदरनगर के खुकराडीह में भी एक ऐसा ही कांड हुआ। 15 मई को नरवा पहाड़ के मुर्गाघुटु गांव में सत्यपाल सिंह नामक के एक विक्षिप्त की पिटाई की गई। 16 मई को भी एक घटना सामने आया जब घाटशिला के कीताडीह में बच्चा चोर के संदेह में विक्षिप्त युवक रवि दास को ग्रामीणों ने पीटा। वह रांची के बूटी मोड़ का रहनेवाला था। उसी गालूडीह थाना क्षेत्र के बेड़ाहातू गांव के पास एक विक्षिप्त युवक को मारा-पीटा गया। इसके बाद 17 मई को जादूगोड़ा थाना क्षेत्र के कोडर के पास एक विक्षिप्त युवक को बच्चा चोरी के आरोप में उग्र भीड़ ने बुरी तरह से पीटा। उसी दिन बागबेड़ा थाना क्षेत्र के जगन्नाथपुर में एक युवक को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया था।

तो यह रही अफवाह और उससे उपजी त्रासदी की कहानी.