नेतरहाट झारखंड राज्य के लातेहार जिले में स्थित एक गाँव है. यह पहाड़ियों में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है, और इसे ‘छोटानागपुर की रानी’ के नाम से जाना जाता है. नेतरहाट अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है. यहां के हरे भरे जंगल, पहाड़ियां, जलप्रपात, एवं नदियां बरबस पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हंै. भाग-दौड भरे जिंदगी से निकल कुछ समय सुकून में बिताना चाहते हैं और थकान मिटाना चाहते हैं तो नेतरहाट से बेहतर जगह आस- पास में नहीं. हम अपने मित्रों के साथ अभी-अभी वहां से लौट कर आये हैं और हमने जो देखा और महसूस किया, वह यहां आपसे शेयर करते हैं.



सुबह उठते ही हमलोग सनराइज प्वाइंट से उगते हुए सूरज का दृश्य देखने चले गये. यह चलचित्र की तरह प्रतीत होता है. हरियाली से आच्छादित घाटियांे और सघन पेडांे के झुरमूट से उगते सूरज की किरणांे को देख बहुत ही आनंद की अनुभूति होती है. इस अभिराम दृश्य को देखने के लिए लालालित पर्यटक सुबह सबेरे ही यहां पहुंच जाते हंै. उसके बाद हमने देखा अपर घाघरी झरना, एक घने जंगल जंगल के बीच से फूटता हुआ. नेतरहाट से अपर घाघरी झरने की दूरी लगभग 4 किलोमीटर है, जहाँ वह एक छोटी नदी के रूप में जंगल के बीच से वह गुजरती है. चारों ओर घने जंगल और बीच मे अपर घाघरी की धारा, जिसमे एकदम ठंडा और निर्मल पानी.

कोयल व्यू प्वाइंट चीड़ के वन के बीच अवस्थित है और नेतरहाट की एक और सुंदर जगह है. आप कोयल व्यू प्वाइंट में आकर, कोयल नदी का सुंदर दृश्य देख सकते हैं. साथ ही आपको सूर्यास्त का भी सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है. यहां पर खूबसूरत वादियां देखने के लिए मिलती हैं. यहां आप शांति से अपना समय आप बिता सकते हैं. यह जगह बहुत सुंदर है और नेतरहाट में घूमने लायक मुख्य जगहों में से एक लगा मुझे.

उसके बाद नेतरहाट आवासीय विद्यालय गए. वहाँ भी बच्चों के देखा. वे एकदम अनुशासन में थे. सभी विद्यालय के बाहर मैदान में लाइन बना कर पीटी कर रहे थे, उसके बाद हमलोग घने जंगल के बीच से गुजरते लोध जलप्रपात की ओर निकल गए, रास्ते के मनोरम दृश्य को निहारते.

नेतरहाट से 61 किमी की दूरी पर स्थित है लोध जल प्रपात. वहां पहुंच कुछ दूर पैदल जाने के बाद दिखा लोध जल प्रपात का झरना वह सदा तत्पर रहती है. इसकी कल- कल करती धारा मन को असीम आनंद से भर देती है. उन घटियांे से गुजरते समय दूर-दूर सुंदर वादियों को देख मन खुश हो जाता है.

लोध जल प्रपात, झारखंड का सबसे ऊंचा जल प्रपात है. ऊंचाई से गिरते पानी को देख ऐसा लगता है मानो बादल से सीधे धरती पर मूसलाधार बारिश हो रही हो. लोध जलप्रपात के चारो ओर के घने जंगल, झरना ओर बीच से गुजरती नदी को देख कर मन मंे असीम शांति का एहसास होता है, हरियाली के बीचों बीच बहते झरने को देखते जी नहीं भरता.

नेतरहाट से गुजरते वक्त घाटियो में कई मासूम बन्दर व एकाध जगहों पर लोमडी देखने को मिला, जो यात्रियों से कुछ मिलने की आस में सड़क किनारे चले आते हैं. यहां हम यह बता दें कि नेतरहाट तो खूबसूरत है ही, वह रास्ता भी जिससे गुजर कर हम वहां तक पहुंचते हैं. तो, वापसी में उन्हीं को निहारते हम फिर रांची के उस भागमभाग भरी जिंदगी में लौट आये, जो हमारी मजबूरी बन चुकी है.