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अंक 250 : 31 मार्च, 2025
नजरिया: सरहुल आनंदोत्सव है, प्रकृति से समागम का पर्व
मुझे सरहुल अच्छा लगता है. यह एक ठोस प्रमाण भी हिंदुओं से आदिवासियों की भिन्नता का. यह किसी भी रूप में हिंदुओं के पर्व त्योहारों की तरह बधोत्सव नहीं.
साहित्य: ..देखते देखते सारा देश ‘गुजरात’ बन गया या बनने की ओर अग्रसर है!
एक नयी किताब आयी है- ‘द लकी वन्स’, लेखिका जारा चैधरी. अंगरेजी में है, तो मुझे समय लगेगा.
समाज: हमारे पूजा स्थल, हमारी पूजा पद्धति अलग, फिर अलग धार्मिक कोड क्यों नहीं!
गुमला जिला चारों ओर हरे-भरे पेड़-पौधे, जंगल, पहाड़, नदी, धार्मिक पर्यटन व ऐतिहासिक स्थलों से भरा पड़ा है. इन्हीं में से एक है गुमला जिले के डुमरी प्रखंड के अकासी पंचायत में स्थित सिरा सीता.
वीडियो: एक सरहुल गीत यह भी
हम सरहुल को मूर्त रूप में लाल पाड़ की साड़ी में लिपटी युवतियों की शोभा यात्रा में देखते हैं, लेकिन सरहुल की तल्लीनता और आनंद का एक रूप यह भी है
अंक 249 : 23 मार्च, 2025
नजरिया: मुगलों ने मंदिर गिराये, देशी हुक्मरानों ने कितने सरना स्थल जमीनदोज/जलमग्न किये, याद है!
कितना पाखंडी समाज है. अपने धर्म स्थलों के लिए इतनी संवेदना कि हर मस्जिद को खोदने और मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र उजाड़ने पर अमादा हैं, इस बहाने घृणा और वैमनस्य फैला कर जगह-जगह दंगे कराने में लगे हैं, ...
समाज: महज शादी के लिए धर्मांतरण, कोई शोर नहीं!
दो ‘हिंदुओं’ ने महज शादी के लिए इस्लाम ग्रहण कर लिया, मगर गुपचुप. समाज की नजरों में ‘हिंदू’ बने रहे. धर्मांतरण के विरोधियों और इसलाम से चिढ़ने वालों को कोई कष्ट नहीं हुआ!
मुद्दा: शर्मनाक फैसलों से न्यायपालिका की गिरती साख
किसी लड़की को गलत ढंग से छूना, उसके पैजामे का नाडा खोलना और उसे किसी पुलिया के नीचे ले जाना बलात्कार या बलात्कार की तैयारी नहीं कही जा सकती. अधिक से अधिक उस लड़की को निवस्त्र करने की क्रिया कही जा सकती है.
इतिहास: हिंदू-धर्म’ का दर्शन बमाम ‘हिंदुत्व’ का दर्शन: डॉ. अंबेडकर
हिंदुत्व का दर्शन क्या है? आपका अध्ययन क्या कहता है? क्या ‘हिंदू धर्म का दर्शन’ और ‘धर्म का दर्शन’ शीर्षक एक समान हैं?
समाज: डायन: स्त्री प्रताड़ना की पराकाष्ठा
15 नवंबर 2000 में झारखंड, अपनी भाषा और संस्कृति के आधार पर बिहार राज्य से अलग एक राज्य बना। यहाँ के आदिवासियों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, इनकी परम्परा, इनकी जीवन शैली के कारण यह अपेक्षा थी, कि यह राज्य उन्नत बनेगा।
रपट: तर्कवादियों की उत्साहवर्द्धक बैठक
23 मार्च के अपराह्न इस समूह के सदस्यों की हुई पहली बैठक में अनेक सदस्य पहली बार आमने सामने हुए. दो आस्थावान, एकाध संशयवादी, शेष बिना संशय के अनीश्वरवादी.
मुद्दा: अबुआ सरकार के रहते धड़ल्ले से लूट हो रही है आदिवासी जमीन की
आदिवासियों की जमीन की लूट थम नही रही. कांके डैम साईड के अधिकतर खेत बिक चुके हैं. कांके डैम, उसके नीचे पतरागोंदा और नदी के बीच फैली विस्तृत जमीन यदि अब तक बची रह गयी है तो बस इसलिए कि उधर अभी आवागमन की सुविधा नहीं.